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डीएम, आयुक्त को आपराधिक अवमानना नोटिस

नैनीताल 10 अप्रैल (वार्ता) उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने हरिद्वार के जिलाधिकारी दीपक रावत तथा नगर निगम के आयुक्त को आपराधिक अवमानना नोटिस जारी किया तथा उनसे चार सप्ताह में जवाब पेश करने को कहा गया है।
मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन और न्यायमूर्ति नारायण सिंह धनिक की युगलपीठ की ओर से दोनों अधिकारियों जिलाधिकारी और निगमायुक्त को बुधवार को नोटिस जारी किया। हरिद्वार की फूल विक्रेता सुनीता की याचिका पर दोनों को नोटिस जारी किया गया है।
याचिकाकर्ता सुनीता की ओर से कहा गया कि जिलाधिकारी दीपक रावत के आदेश पर पिछले साल सितंबर में उसकी दुकान तोड़ दी गयी। जिस दुकान को तोड़ा गया उसे हरिद्वार नगर निगम की ओर से आवंटित किया गया था जिसको बिना नोटिस जारी किये तथा कोई बात सुने तोड़ दिया गया। जिससे उसे लाखों रुपये का नुकसान हुआ है। याचिकाकर्ता की ओर से यह भी कहा गया कि नगर निगम द्वारा आवंटित दुकान अतिक्रमण कैसे हो सकता है?
याचिकाकर्ता के अधिवक्ता पंकज मिगलानी ने बताया कि पीठ ने जिलाधिकारी तथा आयुक्त को आपराधिक अवमानना नोटिस जारी किया है। दोनों को चार सप्ताह में जवाब पेश करने के निर्देश दिये गये हैं।
उल्लेखनीय है कि हरिद्वार के संत रविदास के अनुयायियों की ओर से हरिद्वार में अतिक्रमण को लेकर वर्ष 2016 में एक जनहित याचिका दायर की गयी थी। जिसकी सुनवाई के बाद न्यायालय ने जुलाई 2018 में हरिद्वार की सरकारी भूमि, सड़क, पैदल रास्तों तथा वन विभाग की भूमि से अतिक्रमण हटाने के आदेश जिला प्रशासन को दिये थे। अदालती आदेश के बाद जिला प्रशासन ने कथित रूप से अतिक्रमणकारियों के खिलाफ कार्यवाही की थी।
आरोप है कि जिलाधिकारी ने व्यक्तिगत रूप से नोटिस दिये बिना समाचार पत्रों में सामूहिक रूप से नोटिस प्रकाशित कर शहर में अतिक्रमण के खिलाफ अभियान चला दिया था। इससे पहले भी एक अन्य मामले में जिलाधिकारी को अवमानना नोटिस जारी किया गया था। हरिद्वार के शीशराम मैमोरियल ट्रस्ट एसोसिएशन की ओर से दायर अवमानना याचिका पर सुनवाई के बाद उच्च न्यायालय ने विगत दो अप्रैल को जिलाधिकारी के विरूद्ध अवमानना नोटिस जारी किया था।
रवीन्द्र.संजय
वार्ता
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