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वेदों का विभिन्न भारतीय भाषाओं में सरल ढंग से हो अनुवाद: वेंकैया

तिरुमला 04 जून (वार्ता) उपराष्‍ट्रपति श्री एम. वेंकैया नायडू ने वेदों का विभिन्‍न भारतीय भाषाओं में सरल तरीके से अनुवाद करने का आह्वान किया, ताकि साधारण व्‍यक्ति इनके महत्‍व को समझ सके।
श्री नायडू ने तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम द्वारा संचालित वेंकटेश्‍वर वेद विज्ञान पीठम छात्रों और अध्‍यापकों को संबोधित करते हुए मंगलवार को कहा कि वेद ज्ञान के असली खजाना हैं और इनमें भारत की सदियों पुरानी परम्‍पराओं और संस्‍कृति की झलक मिलती हैं। उन्होंने कहा कि जीवन के विभिन्‍न पहलुओं के बारे में वेदों में शामिल वैज्ञानिक जानकारी को संरक्षित करने और उसका प्रसार करने की आवश्‍यकता है। उन्होंने कहा कि वेद सिर्फ धार्मिक पुस्‍तके नहीं हैं, बल्कि इनमें विभिन्‍न विषयों जैसे गणित, ज्‍योतिष, कृषि, रसायन और धातु संबंधी ज्ञान छिपा हुआ है।
उपराष्ट्रपति ने कहा कि वेद जटिल से जटिल समस्‍याओं और आधुनिक विश्‍व की चुनौतियों का समाधान प्रदान सकते हैं। उन्होंने वेदों में शामिल ज्ञान के बारे में अनुसंधान का करने की अपील की और इस बात पर चिंता व्यक्त की कि भारत में इस पहलु पर पर्याप्‍त ध्‍यान नहीं दिया गया, जबकि जर्मनी जैसे देशों में विस्‍तृत अनुसंधान किया जा रहा है।
उन्होंने वेद पीठम के छात्रों को आधुनिक ऋषि बताते हुए विश्वास व्यक्त किया वे वेदों के अमूल्‍य खजाने को सुरक्षित रखेंगे और उसका प्रसार करेंगे। उन्‍होंने कहा कि गुरु-शिष्‍य परम्‍परा सनातन धर्म की गौरवान्वित करने वाली विरासत है, वेदों का ज्ञान लेकर इस परम्‍परा को आगे बढ़ाया जा सकेगा।
उन्होंने कहा कि तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम को दान के तौर पर प्राप्त राशि का इस्‍तेमाल सनातन धर्म के प्रसार और तीर्थ यात्रियों को सुविधाएं प्रदान करने के लिए किया जाना चाहिए, किसी अन्‍य उद्देश्‍य के लिए नहीं।
बाद में उपराष्‍ट्रपति, उनकी पत्‍नी और परिवार के अन्‍य सदस्‍यों ने अन्‍य श्रद्धालुओं के साथ तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम द्वारा संचालित नित्‍यानंद कार्यक्रम के अंतर्गत अन्‍न प्रसादम लिया। इस दौरान उन्‍होंने हजारों श्रद्धालुओं के लिए रोजाना इतना विशाल कार्यक्रम संचालित करने के लिए तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम की सराहना की।
संतोष
वार्ता
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