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साइबर सुरक्षा प्रौद्योगिकी संस्कृति का अनिवार्य हिस्सा होना चाहिए: वेंकैया

हैदराबाद, 06 जून (वार्ता) उप राष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने साइबर अपराधों में वृद्धि पर चिंता व्यक्त करते हुए गुरुवार को कहा कि साइबर सुरक्षा हमारी प्रौद्योगिकी संस्कृति का एक अनिवार्य हिस्सा होना चाहिए।
श्री नायडू ने यहां सी.आर.राव एडवांस्ड इंस्टीट्यूट ऑफ मैथेमेटिक्स स्टेटिस्टिक्स एंड कंप्यूटर साइंस की ओर से ‘कृत्रिम आसूचना और साइबर सुरक्षा में नए आयाम’ विषय पर दो दिवसीय संगोष्ठी का उद्घाटन करते हुए साइबर अपराधों में वृद्धि पर गंभीर चिंता व्यक्त की। उन्होंने आंकड़ों की सुरक्षा के लिए अलग परिदृश्य और नवाचारों का आह्वान किया है क्योंकि विज्ञान और प्रौद्योगिकी में नई प्रगति साइबर सुरक्षा के लिए एक बड़ी चुनौती प्रस्तुत करेगी।
श्री नायडू ने कहा कि दुनिया भर में इस समय लगभग 8.4 अरब कनेक्टेड डिवाइस उपयोग में हैं और पारंपरिक साइबर सुरक्षा प्रणालियां अप्रचलित हो रही हैं। उन्होंने विश्व के समक्ष आ रही असंख्य चुनौतियों का सामना करने के लिए प्रौद्योगिकी को लगातार अद्यतन करने, सॉफ्टवेयर और कंप्यूटिंग कौशल में सुधार लाने की आवश्यकता पर जोर दिया।
उपराष्ट्रपति ने कहा,“21वीं शताब्दी ऐसी विघटनकारी प्रौद्योगिकियों के निर्माण का साक्षी बनी है, जिनसे हमारी जीवन शैली में मूलभूत बदलाव आया है। कृत्रिम आसूचना (एआई) और मशीन लर्निंग (एमएल) इन प्रौद्योगिकियों में से सबसे उत्साहजनक हैं, जो अनेक अनुप्रयोगों से युक्त हैं। ये प्रौद्योगिकियां कई जटिल समस्याओं का समाधान करने में सक्षम हैं।”
संजय.श्रवण
जारी.वार्ता
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