राज्य » अन्य राज्यPosted at: Jun 12 2019 8:15PM चंद्रयान-2 के लैंडर पर तिरंगा और रोवर के पहिए पर अशाेक चक्र का निशानबेंगलुरु, 12 जून (वार्ता) भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) की ओर से 15 जुलाई को प्रक्षेपित किए जाने वाले चंद्रयान-2 में पूर्णत स्वदेशी तकनीक अपनाई गयी है और इसके लैंडर पर तिरंगा होगा तथा रोवर के पहिए पर अशोक चक्र की प्रतिकृति बनाई गयी हैंइसरो प्रमुख डॉ के शिवन ने यहां इसके प्रक्षेपण के बारे में पत्रकारों को बताया कि उपग्रह और प्रक्षेपण वाहन के निर्माण में 500 विश्वविद्यालयों और 120 उद्योगों ने काफी अहम भूमिका निभाई है।उन्होंंने कहा कि इस मिशन में 80 प्रतिशत लागत उद्योगों की है तथा विश्वविद्यालयों ने जीएसएलवी एमके -3 के उन्नयन में मदद की है तथा चंद्रयान-2 के निर्माण में 60 प्रतिशत योगदान दिया है।डॉ शिवन ने कहा कि इसरो उद्योगों तथा अकादमिक विशेषज्ञों के याेगदान को हमेशा याद रखेगा तथा राष्ट्रीय महत्व हमेशा ही हमारे ध्यान में रहता है। चंद्रयान-2 उपग्रह पर 603 करोड़ रुपए तथा प्रक्षेपण वाहन पर 375 करोड़ रुपए की लागत आई है।जितेन्द्र.श्रवण वार्ता