Saturday, Apr 20 2024 | Time 03:44 Hrs(IST)
image
राज्य » अन्य राज्य


उत्तराखंड में ‘शाही शादी’ में हेलिकाप्टरों के परिचालन पर राेक

नैनीताल, 17 जून (वार्ता) उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने ऑली में दो प्रवासी भारतीयों की प्रस्तावित ‘शाही शादी’ के मामले को गंभीरता से लेते हुए सिर्फ शादी के लिए हेलिकाप्टरों के इस्तेमाल पर रोक लगा दी है।
शादी समारोह को लेकर दायर एक याचिका पर सोमवार को सुनवायी करते हुए न्यायालय ने राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को ऑली के पारिस्थतिकीय तंत्र पर पड़ने वाले दुष्प्रभाव पर नजर रखने के निर्देश दिये।
चमोली जनपद के ऑली में दक्षिण अफ्रीका में रह रहे दो भारतीय उद्योगपति बंधुओं, अजय गुप्ता और अतुल गुप्ता के एक-एक बेटे की शादी का समारोह 18 से 22 जून तक आयोजित किया गया है। शादी में देश विदेश के मेहमानों का पहुंचना तय है। इसके लिये सभी तैयारियां हो गयी हैं लेकिन शहनाइयां बजने से पहले मामला उच्च न्यायालय पहुंच गया।
उच्च न्यायालय के अधिवक्ता रक्षित जोशी की ओर से इस मामले को न्यायालय में चुनौती दी गयी। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता एम सी पंत और चक्रधर बहुगुणा ने बताया कि याचिकाकर्ता की ओर से दायर जनहित याचिका में ऑली के संवेदनशील पर्यावरण को होने वाले नुकसान को मुद्दा बनाया गया। साथ ह, कहा गया कि शादी के लिये नियमों तथा कानूनों को ताक पर रखा जा रहा है।
मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन तथा न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की युगलपीठ ने भी इस पूरे प्रकरण को बेहद गंभीरता से लिया। न्यायालय ने कहा कि उत्तराखंड महत्वपूर्ण राज्य है जो पूरे देश की जनता को पानी तथा विशुद्ध पर्यावरण उपलब्ध कराता है। ऐसे में राज्य को बर्बाद होने से बचाना होगा। देश को बचाना है तो उत्तराखंड को सुरक्षित रखना होगा। न्यायालय ने सवाल किया कि सिर्फ ऑली में ही शादी करने की अनुमति क्यों दी गयी? न्यायालय ने माना कि यह खतरनाक प्रवृत्ति है और आगे से यह परंपरा बन जायेगी। देश का आम आदमी कहां जायेगा?
लंबी सुनवाई के बाद न्यायालय ने अगली सुनवायी की तिथि 18 जून तय की है।
इस दौरान न्यायालय ने सरकार को निर्देश दिया कि वह कल न्यायालय में बताये कि ऑली में जिस क्षेत्र में शाही शादी हो रही है वह चमोली जनपद में स्थित संवेदनशील बुग्याल का हिस्सा है या नहीं?
इसके साथ ही अदालत ने राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सदस्य सचिव को भी कल न्यायालय में उपस्थित होने को कहा है। उसने बोर्ड को निर्देश दिया है कि वह शाही शादी से हिमालयी पर्यावरण को होने वाले नुकसान को कम करने के संबंध में अपनी राय दे। साथ ही ,उसने बोर्ड के विशेषज्ञों को शाही शादी से ऑली क्षेत्र के पर्यावरण को होने वाले नुकसान पर नजर रखने के निर्देश दिये हैं।
सं राम आशा
वार्ता
image