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चालकों से तुलना किये जाने के खिलाफ सड़काें पर उतरे असम के शिक्षक

गुवाहाटी, 18 जून (वार्ता) असम के शिक्षक शिक्षण के पेशे की तुलना चालक से किये जाने और शिक्षकों को ‘अपनी नौकरी जारी रखने के लिए ‘अपने लाइसेंस का नवीनीकरण’ कराने संबंधी राज्य शिक्षा मंत्री सिद्धार्थ भट्टाचार्य के बयान के खिलाफ विरोध में उतर आये हैं।
राज्य में टीचर्स एलिजबिलिटी टेस्ट (टीईटी) उतीर्ण शिक्षकों ने शिक्षा मंत्री सिद्धार्थ भट्टाचार्य से शिक्षकों को वाहन चालकों के समान बताने वाले बयान को वापस लेने की मांग करते हुए मंगलवार को विरोध प्रदर्शन किया। उन्होंने पहले से शिक्षण का काम कर रहे टीईटी उत्तीर्ण शिक्षकों की नौकरियां जारी रखने की मांग करते हुए फिर से एलिजबिलिटी टेस्ट देने से इनकार कर दिया।
श्री भट्टाचार्य ने एक पब्लिक रेडियो सर्विस को हाल में दिये एक साक्षात्कार में कहा था कि वर्ष 2012 में टीईटी की परीक्षा पास करने वाले लेागों के टीईटी प्रमाण-पत्र की वैधता सात वर्षों के बाद 2019 में समाप्त हो जाएगी।
उन्होंने कहा था कि टीईटी उत्तीर्ण करने के सभी प्रमाण पत्र सात वर्षों की अवधि के लिए थे और इस अवधि के समाप्त होने पर शिक्षण का काम कर रहे टीईटी उत्तीर्ण शिक्षकों को फिर से इसी तरह की परीक्षा देनी होगी। श्री भट्टाचार्य ने इस संदर्भ में कहा था कि वाहन चालकों को भी एक विशेष अवधि के बाद अपने लाइसेंसों का नवीकरण कराना होता है।
टीईटी उत्तीर्ण शिक्षकों ने वाहन चालकों के साथ अपनी तुलना किये जाने के बाद विरोध प्रदर्शन करने से पहले सोशल मीडिया पर अपने-अपने नामों के आग ‘ड्राइवर’ लिखकर गुस्से का इजहार किया।
प्रियंका जितेन्द्र
वार्ता
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