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सुरक्षा के मामले में चैम्पियन को हाईकोर्ट से नहीं मिली राहत

सुरक्षा के मामले में चैम्पियन को हाईकोर्ट से नहीं मिली राहत

नैनीताल 29 जुलाई (वार्ता) अनुशासनहीनता के आरोप में भारतीय जनता पार्टी से निष्कासित खानपुर (हरिद्वार) के विधायक कुंवर प्रणव सिंह चैम्पियन को सुरक्षा बहाल करने के मामले में उच्च न्यायालय से कोई खास राहत नहीं मिल पायी है।

न्यायालय ने विधायक चैम्पियन की याचिका को खारिज करते हुए उन्हें हरिद्वार के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) के समक्ष प्रत्यावेदन सौंपने को कहा है। साथ एसएसपी को निर्देश दिया है कि चैम्पियन के प्रत्यावेदन को एक सप्ताह में निस्तारित करें। अदालत ने याचिका को पूरी तरह से निस्तारित कर दिया है।

मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन और न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की युगलपीठ में विधायक चैम्पियन की याचिका पर सुनवाई हुई। केन्द्र सरकार की ओर से अदालत को बताया गया कि विधायक का आपराधिक इतिहास है। उनके खिलाफ कई मामले दर्ज हैं। स्थानीय प्रशासन की सुरक्षा संबंधी रिपोर्ट की समीक्षा के बाद यह कदम उठाया गया है। राज्य सरकार की ओर से भी अदालत को बताया गया कि विधायक के घर पर सुरक्षा मुहैया करायी गयी है।

अदालत ने हालांकि विधायक की सुरक्षा में लगायी गयी केन्द्रीय एजेसियों के मामले को गंभीरता से लिया और कहा कि विधायक के साथ-साथ देश का हर नागरिक कानून से बंधा हुआ है। हमें कानून का पालन करना चाहिए। सुरक्षा की समीक्षा करना सक्षम अधिकारी की जिम्मेदारी है। इसके बाद अदालत ने निर्देश दिया कि विधायक चैम्पियन हरिद्वार के एसएसपी के समक्ष दोबारा से प्रत्यावेदन सौंपे और एसएसपी उनके प्रत्यावेदन पर एक सप्ताह में उचित निर्णय लें।

इससे पहले याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि केन्द्र सरकार ने सोशल मीडिया पर वायरल हुए एक वीडियो के बाद यह कदम उठाया है। पहले पार्टी ने उन्हें निष्कासित किया और उसके बाद उनको मिली सुरक्षा को भी हटा दिया है। आगे कहा कि राज्य सरकार ने भी उनके तीन हथियारों के लाइसेंस रद्द कर दिये हैं। सरकार ने जानबूझकर ऐसा किया है। केन्द्र सरकार की ओर से वर्ष 2016 से उन्हें एवं उनके परिवार को वाई श्रेणी की सुरक्षा मुहैया करायी गयी थी। गृह मंत्रालय ने 17 जुलाई 2019 को एक आदेश जारी कर उसकी सुरक्षा को हटा दिया है।

इससे उन्हें एवं उनके परिवार को खतरा बढ़ गया है। याचिकाकर्ता की ओर से सुरक्षा को बहाल करने की मांग की गयी। विधायक की ओर से यह भी कहा गया कि वायरल वीडियो में छेड़छाड़ की गयी है। वह अपने घर में हथियारों के साथ था। उसने कोई अपराध नहीं किया है।

उल्लेखनीय है कि भाजपा ने वायरल वीडियो को गंभीरता से लेते हुए विधायक चैम्पियन को अनुशासनहीनता के मामले में पार्टी से निष्कासित कर दिया था। पार्टी इससे पहले विधायक को निलंबित कर चुकी थी। विधायक चैम्पियन 2016 में हरीश रावत सरकार के खिलाफ विद्रोही रुख अख्तियार करते हुए कई विधायकों एवं मंत्रियों के साथ भाजपा में शामिल हो गये थे। तब विधानसभा अध्यक्ष ने उन्हें अयोग्य ठहरा दिया था लेकिन 2017 में हुए विधानसभा चुनाव में वे भाजपा से चुने गये थे। चैम्पियन हाल ही में भाजपा के झबरेड़ा विधायक देशराज कर्णवाल के खिलाफ राजनीतिक विवादों के चलते भी चर्चाओं में रहे थे। इसके बाद पार्टी ने उन्हें पार्टी की सदस्यता से छह साल के लिये निलंबित कर दिया था।

रवीन्द्र, उप्रेती

वार्ता

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