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तेंदुओं के शिकार मामले में एसआईटी रिपोर्ट पेश करें

नैनीताल 30 जुलाई (वार्ता) उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने प्रसिद्ध राजाजी टाइगर रिजर्व में तेंदुओं के अवैध शिकार के मामले में जांच में गड़बड़ी को लेकर दायर जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए सरकार को पांच अगस्त तक विशेष जांच दल (एसआईटी) की पूरी रिपोर्ट अदालत में पेश करने का आदेश दिया।
मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन और न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की युगलपीठ में मंगलवार को हरिद्वार निवासी दिनेश चंद्र पांडे की ओर से दायर जनहित याचिका पर सुनवाई के बाद यह आदेश दिया।
याचिकाकर्ता के वकील विवेक शुक्ला ने बताया कि सरकार की ओर से अदालत में आज एसआईटी की आधी अधूरी रिपोर्ट पेश की गयी जिससे कोर्ट सहमत नहीं हुई। इसके बाद कोर्ट ने सरकार को पांच अगस्त तक पूरी रिपोर्ट कोर्ट में पेश करने का आदेश दिया है।
श्री शुक्ला ने बताया कि पिछले साल 22 मार्च को राजाजी टाइगर रिजर्व के मोतीचूर क्षेत्र में चार गड्ढों से विघटित तेंदुओं की खाल और अवशेष बरामद हुए थे। मामले के प्रकाश में आने के बाद वन विभाग ने वन्य जीव संरक्षण अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर मुख्य वन संरक्षक (मानव संसाधन व विकास) मनोज चंद्रन को जांच सौंप दी थी।
श्री शुक्ला ने बताया कि जांच अधिकारी मनोज चंद्रन की ओर से इस मामले की जांच की गयी और 11 विभागीय अधिकारियों और कर्मचारियों की भूमिका को संदिग्ध पाते हुए 435 पेज की एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार की गयी। इस मामले में नया मोड़ तब आया जब सरकार ने इस मामले की जांच के लिये इस साल मार्च में विशेष जांच दल (एसआईटी) के गठन कर दिया। याचिका में एसआईटी के गठन पर रोक लगाने तथा दोषियों के खिलाफ जांच रिपोर्ट के निष्कर्षों के आधार पर कार्यवाही करने की मांग की गयी।
रवीन्द्र.संजय
वार्ता
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