राज्य » अन्य राज्यPosted at: Aug 10 2019 12:56AM हालात सामान्य तो हमे कश्मीर जाने से क्यों रोका गया : वाम दलनयी दिल्ली, 09 अगस्त (वार्ता) भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के महासचिव सीताराम येचुरी और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) के महासचिव डी राजा को शुक्रवार को श्रीनगर हवाईअड्डे पर रोके जाने के बाद उन्होंने कहा कि यदि कश्मीर में हालात सामान्य है तो उन्हें क्यों रोका जा रहा है। श्री येचुरी और श्री राजा को दरअसल श्रीनगर हवाईअड्डे पर रोक लिया गया था और उन्हें कश्मीर जाने की अनुमति नहीं दी गयी। जिसको लेकर उन्होंने केंद्र सरकार पर हमला करते हुए कहा, “ सुरक्षा अधिकारीयों ने हमे चार घंटे तक हिरासत में रखा। सरकार जब दावा कर रही है कि हालात सामान्य है तो हमें जाने से क्यों रोका जा रहा है और अपने लोगों से क्यों नहीं मिलने दिया जा रहा। यह लोकतांत्रिक अधिकारों का गंभीर उल्लंघन है।”श्री येचुरी ने अपनी यात्रा का उद्देश्य बताते हुए कहा कि उन्होंने राज्यपाल सत्य पाल मलिक से माकपा विधायक मोहम्मद यूसुफ़ तारिगामी से मिलने के लिए अनुरोध किया था जिसके लिए वे यहां आये थे। दोनों नेताओं को हालांकि हवाईअड्डे पर ही हिरासत में ले लिया गया था। श्री येचुरी ने कहा, “ श्री तारिगामी चार बार विधायक रह चुके है और हम उनसे मिलना चाहते थे। हमें बताया गया था कि उनकी तबियत ठीक नहीं है। लेकिन हवाईअड्डे पर सुरक्षा अधिकारीयों ने हमें एक क़ानूनी आदेश दिखाया जिसमें कहा गया था कि हमें श्रीनगर जाने की अनुमति नहीं है। अगर सरकार चार बार के विधायक को विश्वास में नहीं ले सकती तो वे किस अमन की बात कर रहे है।”श्री राजा ने भी सरकार पर हमला करते हुये कहा,“ अगर कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है तो कश्मीरी भी भारत के अभिन्न अंग है। सरकार को लोगों की भावना को समझना चाहिए और इसे नज़रअंदाज़ नहीं करना चाहिए।”उन्होंने कहा, “ जम्मू-कश्मीर भारत का हिस्सा है। भारत सिर्फ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ का नहीं है। हमें सम्पूर्ण देश में किसी से भी मिलने का अधिकार है।”उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार द्वारा जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद किसी भी नेता को सुरक्षा कारणों का हवाला देकर कश्मीर जाने की अनुमति नहीं दी जा रही है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आज़ाद को भी गुरुवार को श्रीनगर हवाईअड्डे पर हिरासत में ले कर वापस दिल्ली भेज दिया गया था। जतिन वार्ता