Friday, Apr 19 2024 | Time 13:58 Hrs(IST)
image
राज्य » अन्य राज्य


उत्तराखंड में किसान आयोग के गठन पर जल्द फैसला लेगी सरकार

नैनीताल 14 अगस्त (वार्ता) उत्तराखंड में किसानों के लिये सरकार नये किसान आयोग के जल्द गठन पर विचार कर रही है। राज्य सरकार ने बुधवार को इस आशय की जानकारी उच्च न्यायालय को दी। सरकार की ओर से कहा गया कि सरकार किसान आयोग के गठन को लेकर दस दिन के भीतर अपना रूख स्पष्ट कर देगी।
सरकार ने कांग्रेस नेता गणेश उपाध्याय द्वारा 18 अक्टूबर 2018 को दायर अवमानना याचिका के जवाब में अदालत को यह जानकारी दी। मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी की अदालत में हुई। यह जानकारी याचिकाकर्ता के अधिवक्ता संदीप तिवारी ने दी। सरकार की ओर से इस मामले में दस दिन के समय सीमा की मांग की गयी।
दरअसल याचिकाकर्ता की ओर से किसानों की मांगों को लेकर उच्च न्यायालय में 2017 में एक जनहित याचिका दायर की गयी थी। उच्च न्यायालय ने 26 अप्रैल 2018 को एक आदेश जारी कर प्रदेश में किसानों के लिये जल्द किसान आयोग का गठन करने, फसलों का तीन गुना समर्थन मूल्य का भुगतान करने के अलावा किसानों को मुआवजा प्रदान करने एवं आत्महत्या करने वाले किसानों के परिवार के लिये पेंशन योजना पर विचार करने के निर्देश दिये थे। अदालत ने अपने आदेश में कहा था कि उत्तराखंड के अस्तित्व में आने के बाद राज्य के पहाड़ी जिलों से किसानों के 2.26 लाख से अधिक परिवार पलायन कर गये हैं।
अदालत ने केन्द्र सरकार को भी निर्देश दिया था कि सरकार 2004 में प्रोफेसर स्वामीनाथन की अध्यक्षता में गठित राष्ट्रीय किसान आयोग (एनसीएफ) की सिफारिशों को लागू करे। एनसीएफ ने किसानों को उनके उत्पादन का कम से कम तीन गुना न्यूनतम समर्थन मूल्य का भुगतान करने की सिफारिश की थी।
याचिकाकर्ता की ओर से अवमानना याचिका में कहा गया कि सरकार ने एक साल बीतने के बावजूद न्यायालय के निर्देशों का अनुपालन नहीं किया। अदालत ने अवमानना याचिका की सुनवाई करते हुए प्रदेश के मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह एवं कृषि सचिव को अवमानना नोटिस जारी किया था। सरकार की ओर से इसी उच्च न्यायालय में एक हलफनामा पेश किया गया।
सरकार की ओर से कहा गया कि प्रदेश में किसान आयोग का गठन किया गया है। आयोग का कार्यकाल पूरा होने वाला है। सरकार जल्द ही नये किसान आयोग के गठन पर विचार कर रही है। याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि सरकार के अधिवक्ता ने आज अदालत को बताया कि सरकार आयोग को लेकर दस दिनों के अंदर अपना रुख स्पष्ट कर देगी।
याचिकाकर्ता की ओर से 2017 में दायर जनहित याचिका में कहा गया था कि किसान गरीबी के चलते और बैंक से लिये गये ऋण का भुगतान नहीं कर पाने के कारण आत्महत्या करने को मजबूर हैं। उन्होंने दावा किया कि 2017 में चार किसानों ऋण नहीं चुका पाने के कारण आत्महत्या कर ली थी।
रवीन्द्र, उप्रेती
वार्ता
More News
राज्यपाल गुरमीत ने सपत्नीक किया मतदान

राज्यपाल गुरमीत ने सपत्नीक किया मतदान

19 Apr 2024 | 1:14 PM

देहरादून, 19, अप्रैल (वार्ता) उत्तराखंड के राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) तथा प्रथम महिला गुरमीत कौर ने शुक्रवार को देहरादून में पोलिंग बूथ शहीद मेख बहादुर गुरुंग कैंट कन्या इंटर कॉलेज, गढ़ी, पहुंचकर लोकसभा निर्वाचन–2024 में अपने मताधिकार का प्रयोग किया।

see more..
image