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जीबी पंत और वाडिया इंस्टीट्यूट बतायेंगे की आॅली बुग्याल है या नहीं: हाईकोर्ट

नैनीताल 27 अगस्त (वार्ता) उच्च हिमालयी क्षेत्र आैली में दो अप्रवासी भारतीय गुप्ता बंधुओं की शाही शादी के मामले में मंगलवार को नया मोड़ आ गया है। उच्च न्यायालय ने अल्मोड़ा स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट आॅफ हिमालयन एनवायरमेंट एंड डेवलपमेंट और देहरादून स्थित वाडिया इंस्टीट्यूट आॅफ हिमालयन जियालाॅजी संस्थानों से पूछा है कि आैली में जिस जगह गुप्ता बंधुओं की शादी हुई है वह बुग्याल है कि नहीं। दोनों को 11 सितम्बर तक रिपोर्ट पेश करनी है।
इस मामले में मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन एवं न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की युगलपीठ में आज सुनवाई हुई। सरकार की ओर से अदालत को बताया गया कि आॅली में जिस जगह में अप्रवासी गुप्ता बंधुओं के बेटों की शादी हुई वह बुग्याल नहीं है। वह बुग्याल की श्रेणी में नहीं आता है। ऐसे में उच्च न्यायालय के अगस्त 2018 के आदेश का उल्लंघन नहीं हुआ है।
पिछले साल अगस्त 2018 में उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार को निर्देश दिया था कि राज्य सरकार उच्च हिमालयी क्षेत्रों में स्थित बुग्यालों एवं घास के मैदानों को संरक्षित रखने के लिये 200 से अधिक पर्यटकों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाये। साथ ही अदालत ने सरकार को इन क्षेत्रों से तीन माह के अंदर सभी प्रकार के स्थायी निर्माण को हटाने के निर्देश दिये थे। इसके अलावा बुग्यालों में रात बिताने को भी प्रतिबंधित कर दिया था।
सरकार के आैली को बुग्याल नहीं बताने के कदम का याचिकाकर्ता की ओर से विरोध किया गया। इसके बाद अदालत ने दोनों संस्थानों से रिपोर्ट मांगी है कि वे वास्तविक स्थिति के संबंध में 11 सितम्बर तक रिपोर्ट पेश करे। यह जानकारी याचिकाकर्ता के अधिवक्ता एमसी पंत ने दी है।
श्री पंत ने बताया कि अदालत ने राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से भी रिपोर्ट पेश करने को कहा है। बोर्ड की ओर से अदालत को बताया गया कि धौलीगंगा नदी को हुए प्रदूषण के खतरे के संबंध में उसने एक निजी संस्था से परीक्षण कराया है लेकिन रिपोर्ट अभी तक नहीं मिल पायी है।
इसके साथ ही अदालत ने आज गढ़वाल मंडल विकास निगम (जीएमवीएन) को भी रिपोर्ट पेश करनेे को कहा है। अदालत ने जीएमवीएन को गुप्ता बंधुओं की शादी के लिये आवंटित होटल के संबंध में वास्तविक रिपोर्ट पेश करने को कहा है। दरअसल 18 जून को सुनवाई के दौरान न्यायालय को बताया गया था कि जिस होटल में गुप्ता बंधुओं की शादी तय की गयी है उसे प्रशासन ने मानकों के उल्लंघन के लिये सील कर दिया था और इसका प्रबंधन ठीक शादी से पहले जीएमवीएन को सौंप दिया गया था।
उल्लेखनीय है कि दक्षिण अफ्रीका के दो गुप्ता बंधुओं की शादी 18 जून से 22 जून के बीच उच्च हिमालयी क्षेत्र आॅली में हुई थी। याचिकाकर्ता अधिवक्ता रक्षित जोशी की ओर से इस मामले को एक जनहित याचिका के माध्यम से चुनौती दी गयी। याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि आॅली में होने वाली शाही शादी से उच्च हिमालयी क्षेत्र के पर्यावरण के लिये खतरा है और इसमें विभिन्न मानकों का उल्लंघन किया जा रहा है।
रवीन्द्र, उप्रेती
वार्ता
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