Friday, Apr 26 2024 | Time 04:29 Hrs(IST)
image
राज्य » अन्य राज्य


हाईकोर्ट ने एससी-एसटी आयोग के अध्यक्ष एवं सदस्यों से मांगा जवाब

नैनीताल 28 अगस्त (वार्ता) उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने प्रदेश के 500 करोड़ रुपये के समाज कल्याण घोटाले के कथित आरोपी एवं समाज कल्याण घोटाले के संयुक्त निदेशक गीताराम नौटियाल को गिरफ्तार नहीं करने के संबंध में अनुसूचित जाति-जनजाति (एससी-एसटी) आयोग के अध्यक्ष एवं तीन अन्य सदस्यों को नोटिस जारी किया है और सभी को दस दिन के अंदर जवाब पेश करने के निर्देश दिये हैं।
अदालत ने सभी पक्षकारों से पूछा है कि उन्होंने किस अधिकार के तहत आरोपी को गिरफ्तार नहीं करने के आदेश दिये हैं।
मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन एवं न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की युगलपीठ में याचिकाकर्ता पंकज कुमार की ओर से दायर जनहित याचिका की बुधवार को सुनवाई हुई। यह जानकारी याचिकाकर्ता के अधिवक्ता सी.के. शर्मा ने दी है। श्री शर्मा ने बताया कि प्रदेश में लगभग 500 करोड़ रुपये के घोटाले की जांच उच्च न्यायालय के निर्देशन में चल रही है। घोटाले को लेकर एक जनहित याचिका उच्च न्यायालय में लंबित है। अदालत ने इस प्रकरण की जांच के लिये विशेष जांच दल (एसआईटी) की दो टीमों का गठन किया है। हरिद्वार के पुलिस अधीक्षक (यातायात) टी.सी. मंजूनाथ की अगुवाई वाले विशेष जांच दल को देहरादून एवं हरिद्वार जिलों के मामलों की जांच की जिम्मेदारी दी गयी है जबकि पुलिस महानिरीक्षक संजय गुंज्याल की अगुवाई वाली एसआईटी को प्रदेश के शेष 11 जिलों के मामलों की जांच की जिम्मेदारी सौंपी गयी है।
श्री शर्मा ने बताया कि उच्च न्यायालय ने विगत 09 अगस्त को एक आदेश जारी कर एसआईटी की दोनों टीमों को मामले की जांच की प्रगति रिपोर्ट 22 अगस्त तक अदालत में पेश करने के निर्देश दिये थे। उन्होंने आगे बताया कि इसी दौरान एसआईटी की ओर से अदालत को बताया गया कि अनुसूचित जाति-जनजाति आयोग की ओर से 02 जुलाई, 2019 को एक पत्र जारी कर छात्रवृत्ति घोटाले के आरोपी एवं समाज कल्याण विभाग के संयुक्त निदेशक गीताराम नौटियाल को गिरफ्तार नहीं करने के निर्देश दिये गये हैं। आयोग की ओर से कहा गया है कि श्री नौटियाल का मामला आयोग में लंबित है। तब तक उन्हें गिरफ्तार न करें।
याचिकाकर्ता की ओर से यह भी कहा गया कि आरोपी श्री नौटियाल इससे पहले गिरफ्तारी से बचने के लिये उच्चतम एवं उच्च न्यायालय में भी गुहार लगा चुके हैं लेकिन उन्हें दोनों जगहों से राहत नहीं मिली है। इसके बाद उन्होंने अनुसूचित जाति-जनजाति आयोग का दरवाजा खटखटाया।
याचिकाकर्ता की ओर से आयोग के इस कदम को चुनौती दी गयी है। याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि आयोग की ओर से जो आदेश दिया गया है वह गलत है। आयोग को ऐसा निर्देश जारी करने का कोई अधिकार नहीं है। मामले को सुनने के बाद अदालत ने आयोग के अध्यक्ष हरिकिशन साय, तीन अन्य सदस्यों हरिकिशन दामौर, अरशद भाई चुन्नीलाल दसावा, माया चिंतामन इब्नाते को नोटिस जारी कर दस दिन के अंदर जवाब दाखिल करने के निर्देश दिये हैं। अदालत ने निर्देश दिया है कि उन्होंने किस अधिकार के तहत आरोपी की गिरफ्तारी पर रोक लगाने के निर्देश जारी किये हैं।
उल्लेखनीय है कि देहरादून के सामाजिक कार्यकर्ता रवीन्द्र जुगरान की ओर से समाज कल्याण घोटाले की केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की जांच की मांग को लेकर पिछले साल एक जनहित याचिका दायर की गयी थी। याचिकाकर्ता की ओर से है 2003 से 2016 के बीच हुए इस घोटाले में लगभग 500 करोड़ की वित्तीय अनियमितता का आरोप लगाया गया है। एसआईटी की ओर से इस मामले में लगभग 12 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है।
रवीन्द्र, उप्रेती
वार्ता
More News
एनसीबीसी ने मुसलमानों के लिए पूर्ण आरक्षण पर मुख्य सचिव को तलब करने की घोषणा की

एनसीबीसी ने मुसलमानों के लिए पूर्ण आरक्षण पर मुख्य सचिव को तलब करने की घोषणा की

25 Apr 2024 | 10:32 PM

बेंगलुरु, 25 अप्रैल (वार्ता) राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग (एनसीबीसी) ने गुरुवार को मुस्लिम समुदाय को "पूर्ण आरक्षण" देने के राज्य सरकार के फैसले पर कर्नाटक के मुख्य सचिव को तलब करने की घोषणा की।

see more..
वाईएसआरसीपी को हराने के लिए विपक्ष मेरी दो बहनों का इस्तेमाल कर रहा है: जगन रेड्डी

वाईएसआरसीपी को हराने के लिए विपक्ष मेरी दो बहनों का इस्तेमाल कर रहा है: जगन रेड्डी

25 Apr 2024 | 8:37 PM

कडप्पा, 25 अप्रैल (वार्ता) आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी ने गुरुवार को कहा कि लोग दिग्गज नेता एवं पूर्व मुख्यमंत्री वाईएस राजशेखर रेड्डी के उत्तराधिकारी का फैसला करेंगे, लेकिन प्रतिद्वंद्वियों से हाथ मिलाने वालों का नहीं।

see more..
image