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कश्मीर में 25 दिन बाद भी स्थिति सामान्य नहीं

श्रीनगर, 29 अगस्त (वार्ता) जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 और 35ए को हटाए जाने के 25 दिन बाद घाटी में अभी भी जन जीवन अस्त व्यस्त है।
घाटी में गुरुवार को दुकानें तथा व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद रहे और राज्य सड़क परिवहन निगम की बसें तथा अन्य वाहन सड़काें पर कम ही दिखाई दिए। घाटी में किसी भी संस्था की तरफ से बंद का आह्वान नहीं किया गया था और इसी वजह से से निजी वाहन और खास तौर पर दो पहिया वाहन घाटी की सड़कों पर सिविल लाइंस के क्षेत्र में एक जगह से दूसरी जगह सामान्य तौर पर दिखाई दिए।
एक अधिकारी ने कहा, “ घाटी में हालात ठीक है और रात में स्थिति कुल मिलाकर शांत है। केंद्रीय अर्धसैनिक बलों (सीपीएमएफ) के जवान कानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिए उन क्षेत्रों में तैनात हैं जहां से प्रतिबंध हटाए गए हैें।
ऐतिहासिक जामिया मस्जिद के सभी दरवाजे भी बंद है। हुर्रियत कांफ्रेंस के अध्यक्ष मीरवाइज़ मौलवी उमर फारुख के गढ़ माने जाने वाले इस क्षेत्र में अंतिम बार चार अगस्त को नमाज़ अदा की गयी थी। इसके साथ ही जामिया बाज़ार में भी बुलेट प्रूफ जैकेट और लाठियों के साथ बड़ी संख्या में सुरक्षा बलों के जवान तैनात हैं।
कई इलाकों में पत्थरबाजी की छिटपुट घटनाएं भी दर्ज की गयी है। क्षेत्र में सभी गतिविधियों पर सुरक्षा बल बराबर नज़र रखे हुए है और इलाके में व्यावसायिक गतिविधियां ठप है। घाटी में लगभग सभी दुकानें बंद है हालांकि फलों एवं सब्जियों के कुछ विक्रेता सड़कों पर सामान बेच रहे है।
इसके अलावा क्षेत्र में इंटरनेट सेवाओं एवं आवागमन के साधनों के बंद पड़े होने की वजह से सरकारी दफ़्तरों में भी कामकाज प्रभावित हुआ है। सिविल सचिवालय में कर्मचारी देरी से पहुंच रहे हैं।
शहर तथा शहर-ए-खास क्षेत्र की स्थिति में कोई बदलाव नहीं आया है। इलाके में सभी दुकानें और व्यावसायिक गतिविधियां तथा यातायात पूरी तरह से प्रभावित है।
कश्मीर में कई अन्य जिलों और तहसील मुख्यालयों से प्रतिबंध और बंद की रिपोर्टें भी दर्ज की गयी है। इंटरनेट के बंद रहने के कारण इन जिलों की सटीक स्थिति के बारे में पता नहीं लग सका है।
अनंतनाग से मिली एक रिपोर्ट के अनुसार इस क्षेत्र तथा दक्षिण कश्मीर और तहसील मुख्यालों में भी व्यापारिक और अन्य गतिवीधियों के पांच अगस्त के बाद से बंद होने की रिपोर्टें है। ऐसे ही हालात बारामूला में भी दर्ज किये गए है।
मध्य कश्मीर के गंदेरबल और बडगाम जिलों से भी बंद की कुछ रिपोर्टें आयी है। साेपाेर, पाटन, पलहान, बांदीपोरा, अजस तथा उत्तर कश्मीर की झेलम नदी और उसके आस पास के अन्य इलाकों में भी यही स्थिति है।
उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार ने 05 अगस्त को जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 और अनुच्छेद 35ए को हटा कर राज्य को दो केन्द्रशासित प्रदेशों में विभाजित करने का फैसला किया था। जिसके बाद से घाटी में अधिकांश जगहों पर प्रतिबंध है।
जतिन जितेन्द्र
वार्ता
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