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26वें दिन भी कश्मीर में जीवन अस्त-व्यस्त

श्रीनगर, 30 अगस्त (वार्ता) जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 और 35ए हटाए जाने के 26 दिन बाद घाटी और श्रीनगर में जीवन अस्त-व्यस्त है तथा कई जगहोें पर प्रतिबंध भी लगाया गया।
शहर में पुलिस वाहनों से कर्फ्यू लगाए जाने की घोषणा की गयी तथा लोगों से पांच बजे तक अपने घरों में रहने के लिए कहा गया।
एक स्थानीय निवासी ने बताया कि रामबाग में भी कर्फ्यू लगाया गया और लोगों से अपने घरों में ही रहने के लिए कहा गया। नटिपोरा इलाके में कुछ दुकाने सुबह छह से नौ बजे तक खुली लेकिन बाद में उन्हें बंद करने के लिए कहा गया। सड़क किनारे वस्तुएं बेच रहे विक्रेताओं को भी अपने घर जाने का आदेश दिया गया।
नटिपोरा इलाके में सुरक्षा बल शुक्रवार सुबह से ही किसी भी तरह के विरोध प्रदर्शन को रोकने के लिए तैनात रहे। इसके अलावा लाल चौक जाने के सभी मार्गो को बंद कर दिया गया तथा किसी को भी वहां जाने की अनुमति नहीं दी गयी।
हरी सिंह हाई स्ट्रीट से लाल चौक जाने के लिए बीच में आने वाले अमीरा कदल पुल को भी बंद कर दिया गया है।
पाकिस्तान सरकार द्वारा शुक्रवार को 12 से साढ़े बजे के बीच विरोध प्रदर्शन के आह्वान के बाद घाटी में भी प्रदर्शन की आशंका जताई जा रही थी जिसके चलते इलाके में चौकसी बढ़ाई गयी है।
शहर की सभी मुख्य सड़कों और शहर ए खा के सभी मार्गों को कंटीली तारों से बंद कर दिया गया है। पांच अगस्त के बाद से पिछले सप्ताह घाटी और शहर के इलाकों में कर्फ्यू में थोड़ी ढील दी गयी थी।
नल्लाहमार के निवासियों ने बताया कि उन्हें घरों से बाहर जाने की अनुमति नहीं जा रही है। एक स्थानीय ने बताया कि सब्जी और दूध विक्रेताओं को भी फिलहाल समान बेचने की इजाजत नहीं दी गयी है।
घाटी के नय शहरों में हालात हालांकि एकदम अलग है। इन इलाकों में लोग बिना किसी बंदिश के एक जगह से दूसरी और जा रहे है तथा पिछले दो सप्ताहों से यहां यातायात की स्थिति भी बेहतर हुयी है।
इसके अलावा इक़बाल पार्क इलाके की सभी सड़कों को कंटीली तारों से बंद कर दिया गया है। हवाईअड्डे जाने वाले लोगों को जवाहर नगर मार्ग की तरफ से जाने के निर्देश दिए गए हैं।
कर्फ्यू के चलते सभी शिक्षण संस्थान, सरकारी कार्यालय तथा बैंक बंद हैं। घाटी में कई जिलों और तहसील मुख्यालय में भी प्रतिबंध की खबरें आयी हैं। घाटी में इंटरनेट, फोन सेवाओं के बंद रहने के चलते इन जिलों की सटीक स्थिति के बारे में पता नहीं लग सका है।
उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार ने पांच अगस्त को जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 और अनुच्छेद 35 ए को हटाकर राज्य को दो केन्द्रशासित प्रदेशों में विभाजित करने का फैसला किया था जिसके बाद से घाटी में अधिकांश जगहों पर प्रतिबंध है।
जतिन.श्रवण
वार्ता
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