Thursday, Mar 28 2024 | Time 14:15 Hrs(IST)
image
राज्य » अन्य राज्य


मुख्यमंत्री, मंत्री, विधायक और उद्योगपति करेंगे अति कुपोषित 1600 बच्चों की परवरिश

देहरादून, 03 सितम्बर (वार्ता) उत्तराखण्ड में कुपोषण से मुक्ति के लिए मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत की पहल पर प्रदेश में चिन्हित 1600 अति कुपोषित बच्चों को मुख्यमंत्री, मंत्रियों, विधायकों, अधिकारियों, उद्योगपतियों तथा अन्य समाजसेवी गोद लेंगे।
पोषण अभियान 2019 के तहत मंगलवार ‘‘कुपोषण मुक्ति हेतु गोद अभियान’’ की शुरूआत हुई। मुख्यमंत्री आवास में अभियान के शुभारम्भ पर 20 बच्चों को गोद लिया गया। इस दौरान श्री रावत ने योगिता पुत्री रेखा, विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद्र अग्रवाल ने अनिषा पुत्री गुड़िया, महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास मंत्री रेखा आर्या ने निहारिका पुत्री सीमा, विधायक गणेश जोशी ने भूमिका, मेयर, देहरादून सुनील उनियाल गामा ने निहारिका पुत्री प्रियंका, अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने नैंसी पुत्री अतर सिंह, प्रमुख सचिव मनीषा पंवार ने विनायक पुत्र शीतल, प्रमुख सचिव आनंदबर्द्धन ने आयुष पुत्र राजेश्वरी, सचिव डाॅ. भूपिंदर कौर औलख ने आन्या, आर. के. सुधांशु ने अरहम, नीतेश झा ने नैना को गोद लिया। इसके अलावा श्री शैलेश बगौली ने उमर, सौजन्या ने अभिषेक, हरबंस सिंह चुघ ने राज, अरविंद सिंह ह्यांकि ने हमजा, पंकज पाण्डे ने शुभान, विनोद प्रसाद रतूड़ी ने जोया, बी.एस. मनराल ने प्रियांशु, बीके संत ने शौर्य व एचसी सेमवाल ने दिव्यांशी को गोद लेकर उन्हें कुपोषण से मुक्त करने की जिम्मेवारी ली है। समाजसेवी एवं उद्योगपति राकेश आॅबेराय ने अपनी संस्थाओं के माध्यम से 100 कुपोषित बच्चों को गोद लेने की बात कही।
मुख्यमंत्री रावत ने कहा कि हमें समाज की शक्ति को पहचानना चाहिए। किसी भी समस्या का हल समाज की भागीदारी से हो सकता है। हमारे पूर्वजों ने समाज की ताकत को पहचाना था। हमें भी यह देखना होगा कि कैसे समाज की शक्ति का उपयोग किया जा सकता है। उन्होंने पिथौरागढ़ का उदाहरण देते हुए कहा कि वहां भी स्थानीय जनप्रतिनिधियों तथा समाज का सहयोग लेकर बालिका लिंगानुपात में काफी सुधार आया है। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा प्रदेश में कक्षा नौ से 12 तक की बालिकाओं का हिमोग्लोबिन टेस्ट कराया जाएगा। वर्ष 2022 तक प्रदेश की सभी आंगनबाड़ी केंद्रों को पक्का भवन युक्त किया जाएगा। प्रत्येक राशनकार्ड पर 2 किग्रा दाल उपलब्ध कराई जाएगी। उन्होंने कहा कि जिन बच्चों को गोद लिया जा रहा है, उनका नियमित रूप से पूरा ध्यान रखना जरूरी है। उनके माता पिता के सम्पर्क रहना होगा। बच्चे क्या खा रहे हैं, कैसे खा रहे हैं, हर छोटी से छोटी बात पर ध्यान देना होगा। पहला सहयोग बच्चे की मां का चाहिए। यदि मां को पोषण मिले, मां का स्वास्थ्य ठीक हो तो बच्चे का पोषण और स्वास्थ्य भी ठीक रहेगा।
सं. संतोष
वार्ता
image