Friday, Mar 29 2024 | Time 12:02 Hrs(IST)
image
राज्य » अन्य राज्य


उत्तराखंड में देश का पहला हेलीकाॅप्टर कनेक्टिविटी सम्मेलन संपन्न

देहरादून 07 सितम्बर (वार्ता) देश में पहली बार हेलीकॉप्टर कनेक्टिविटी पर आधारित सम्मेलन उत्तराखंड के देहरादून में शनिवार को संपन्न हुआ।
नागरिक उड्डयन मंत्रालय, भारत सरकार, उत्तराखण्ड सरकार व फिक्की के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने राज्य में हर वर्ष सम्मेलन आयोजन कराने के साथ, उड़ान योजना में चिन्हित स्थानों के लिए हेली सेवाएं देने पर राज्य सरकार द्वारा भारत सरकार से मिलने वाली सब्सिडी के अतिरिक्त सब्सिडी देने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि राज्य में हेली सेवाओं के विस्तार की बहुत सम्भावनाएं हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य की भौगोलिक स्थिति को देखते हुए यहां हेली सेवाएं बहुत जरूरी हैं। सीमांत क्षेत्रों तक सड़क मार्ग से जाने में 20 घंटे तक लग जाते हैं जबकि हेलीकाप्टर से मात्र 1ः30 घंटे में पहुंचा जा सकता है। उन्होंने कहा कि राज्य के दूरस्थ क्षेत्रों की प्राकृतिक सुदंरता का कोई मुकाबला नहीं है। उत्तराखण्ड में धार्मिक पर्यटन के साथ ही खर्चीले पर्यटकों की संख्या में काफी वृद्धि हो रही है। हमारे प्रयासों से पिछले कुछ समय में फिल्म शूटिंग के लिए उत्तराखण्ड पंसदीदा गंतव्य बनता जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इन्वेस्टर्स समिट के समय मुम्बई में फिल्मकारों के साथ बैठक की गई थी। फिल्म निर्माता महेश भट्ट पहले रोमानिया में अपनी फिल्म की शूटिंग करना चाहते थे। हमने उन्हें उत्तराखण्ड आमंत्रित किया। वे यहां आए और बहुत से दूरस्थ क्षेत्रों तक घूम कर आए। वे यहां की प्राकृतिक सुंदरता से बहुत प्रभावित हुए। आतिथ्य उत्तराखण्ड के स्वभाव में है। देश-विदेश से बहुत से लोग, उत्तराखण्ड के दूरस्थ क्षेत्रों तक जाना चाहते हैं। परंतु उनके पास समय की कमी होती है। इसलिए यहां हेली सेवाओं की बहुत जरूरत है।
श्री रावत ने कहा कि उत्तराखण्ड दैवीय आपदा की दृष्टि से भी संवेदनशील राज्य है। आपदा प्रभावितों को बचाने व राहत पहुंचाने में हेली सेवाएं बहुत ही उपयोगी हैं। हम राज्य में हेली एम्बुलेंस की सेवा देना चाहते हैं। दूरस्थ क्षेत्रों में गम्भीर रूप से बीमार लोगों को हायर सेंटर कम समय में पहुंचाने के लिए भी हेली एम्बुलेंस जरूरी है। उन्होंने कहा कि वर्तमान वर्ष में औसतन 2 लाख लोग हेली सेवाएं ले रहे हैं। हमारे यहां 51 हेलीपेड, 2 एयरपोर्ट व 1 एयरस्ट्रिप है। इसी प्रकार टिहरी में एक वाटर ड्रोम विकसित कर रहे हैं।
मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने कहा कि केदारनाथ आपदा व हाल ही में आराकोट आपदा में बचाव व रहत के काम में हेली सेवाओं का महत्वपूर्ण योगदान रहा। उन्होंने कहा कि राज्य के छोटे-छोटे स्थानों को कनेक्टिविटी देने के लिए हेली सेवा को बढ़ावा देना होगा। उत्तराखण्ड पिछले कुछ वर्षों में औद्योगिक वृद्धि करने वाले अग्रणी राज्यों में है।
उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से निकटता, जौलीग्रान्ट एयरपोर्ट, औद्योगिक वातावरण, प्रशिक्षित मानव संसाधन, जलवायु, स्वच्छ वातावरण, उच्च स्तरीय स्कूल, प्रभावी सिंगल विंडो सिस्टम, एमआरओ सुविधाओं की उपलब्धता बहुत से ऐसे कारक हैं, जिसकी वजह से हेली विनिर्माता कम्पनियां उत्तराखण्ड आ सकती हैं।
नागर विमानन मंत्रालय, भारत सरकार के सचिव प्रदीप सिंह खरोला ने कहा कि पर्वतीय क्षेत्रों में यातायात का सबसे ज्यादा प्राथमिकता वाला साधन हेलीकाप्टर हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि पर्वतीय क्षेत्रों में एयरपोर्ट की बजाय हेलीपोर्ट विकसित किए जा सकते हैं। यदि राज्य सरकार भूमि उपलब्ध कराती है तो केंद्र सरकार हेलीपोर्ट विकसित कर सकती है।
श्री खरोला ने कहा कि भारत में पहली बार हेलीकाप्टर समिट का आयोजन किया जा रहा है। उन्होंने ऐसे अद्वितीय आयोजन के लिए मुख्यमंत्री व राज्य सरकार को बधाई दी। गत पांच वर्षों से सिविल एवियेशन में 17 प्रतिशत की बढ़ोतरी हो रही है। वर्तमान में भारतीय आसमान में 600 से ज्यादा विमान उड़ रहे हैं। हेलीकाप्टर सेवाओं में भी काफी सम्भावनाएं हैं। मुख्यतः चार बातों पर फोकस करना होगा। पहला, पर्वतीय क्षेत्रों में हेली सेवाएं बढ़ाने के लिए नियमों में क्या संशोधन करने की आवश्यकता है। दूसरा, एटीएफ टैक्स आदि में छूट सहित अन्य किस प्रकार के प्रोत्साहन दिए जाने की जरूरत है। उड़ान योजना में एटीएफ टैक्स केवल 1 प्रतिशत है। तीसरा, सुरक्षा प्रबंधन और चौथा इन्फ्रास्ट्रक्चर।
मसूरी स्थित लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी के निदेशक डा. संजीव चोपड़ा ने कहा कि हेली सेवाओं को एफोर्डेबल बनाने की चुनौती है। उन्होंने बताया कि अकादमी में तीन हेलीपेड पर व्यावसायिक सेवाएं प्रारम्भ करने की सैद्धांतिक स्वीकृति मिली है।
नागर विमानन मंत्रालय, भारत सरकार की संयुक्त सचिव उषा ने कहा कि पर्वतीय क्षेत्रों में हेली कनेक्टिवीटी के लिए मंत्रालय की प्रतिबद्धता है। टिहरी झील में सी-प्लेन संचालित करने के लिए वाटर ड्रोम विकसित किया जा रहा है।
सम्मेलन के उद्घाटन सत्र को मेयर सुनील उनियाल गामा व फिक्की की सिविल एविएशन समिति के अध्यक्ष आनंद स्टेनले ने भी सम्बोधित किया।
सं. प्रियंका
वार्ता
More News
बेंगलुरु कैफे विस्फोट का मुख्य साजिशकर्ता गिरफ्तार: एनआईए

बेंगलुरु कैफे विस्फोट का मुख्य साजिशकर्ता गिरफ्तार: एनआईए

28 Mar 2024 | 11:38 PM

चेन्नई, 28 मार्च (वार्ता) राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने एक बड़ी सफलता प्राप्त करते हुए गुरुवार को एक मार्च को बेंगलुरु के रामेश्वरम कैफे में हुए विस्फोट मामले में एक प्रमुख साजिशकर्ता को गिरफ्तार किया।

see more..
image