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कश्मीर में जनजीवन प्रभावित

श्रीनगर, 12 सितंबर (वार्ता) जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 और 35ए को हटाये जाने और राज्य को दो केन्द्र शासित प्रदेशों में विभाजित किये जाने के विरोध मेें प्रदर्शनों के कारण गुरुवार को 39वें दिन भी कश्मीर घाटी में जनजीवन बुरी तरह प्रभावित रहा।
अधिकारियों ने आज बताया कि घाटी में व्यापक स्तर पर शांति है और पिछले 24 घंटों के दौरान घाटी से किसी प्रकार की अप्रिय घटना की जानकारी नहीं मिली है।
उन्होंने कहा कि घाटी के किसी भी हिस्से में कर्फ्यू नहीं है। एहतियान कानून एवं व्यवस्था बनाये रखने के लिये धारा 144 लागू की गयी है।
उन्होंने बताया कि भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) सहित सभी सेलुलर कंपनियों की मोबाइल और इंटरनेट सेवा घाटी में पांच अगस्त से स्थगित है। बारामूला से जम्मू क्षेत्र के बनिहाल के बीच चलने वाली ट्रेन सेवा भी पिछले 39 दिनों से निलंबित है जिससे रेलवे विभाग को लगभग 1.20 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।
छात्रों का स्कूल आना जारी है। शिक्षक और अन्य कर्मचारी स्कूल आ रहे हैं लेकिन विश्वविद्यालय और कॉलेज पांच अगस्त से ही बंद हैं।
दुकानें और व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद हैं और घाटी में हड़ताल के कारण पिछले 39 दिनों से यातायात बंद है। ग्रीष्मकालीन राजधानी श्रीनगर और अन्य इलाकों में किसी भी तरह के प्रदर्शन को रोकने के लिए बड़ी संख्या में सुरक्षा बलों तैनात किया गया है।
ऐतिहासिक जामिया मस्जिद पांच अगस्त से बंद है। लोगों को वहां जाने से रोेकने के लिए जामिया बाजार और आस-पास के इलाकों में सुरक्षा बल के जवान बड़ी संख्या में तैनात किये गये हैं। घाटी में उन्तालिसवें दिन भी सार्वजनिक वाहन और राज्य परिवहन निगम की बसें सड़कों से नदारद रहीं। श्रीनगर में दिन में पेट्रोल पंप बंद रहे जबकि पेट्रोल पम्पों पर 0600 से 0900 तथा शाम को 1900 से 2200 बजे के दौरान काम हुआ।
दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग, कुलगाम, पुलवामा, शोपियां में 39वें दिन भी सभी दुकानें और अन्य व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद रहे और जनजीवन बुरी तरह प्रभावित रहा। कुपवाड़ा, बारामुला, बांदीपोरा, पट्टन, सोपोर, हंदवाड़ा और अजास में भी स्थिति में कोई बदलाव नहीं है। गांदेरबल, बडगाम और मध्य कश्मीर जिलों से भी बंद की रिपोर्ट प्राप्त हुई है।
राम.श्रवण
वार्ता
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