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हिंदी को थोपा जाना स्वीकार्य नहीं : नारायणसामी

पुडुचेरी, 15 सितंबर (वार्ता) पुडुचेरी के मुख्यमंत्री वी नारायणसामी ने गृह मंत्री अमित शाह के एक भाषा एक देश के कथन का पुरजोर विरोध करते हुए रविवार को कहा कि पुडुचेरी में हिंदी भाषा को थोपने नहीं दिया जाएगा और उन्हें अपना बयान वापिस लेना चाहिए।
श्री नारायणसामी ने यहां पत्रकरों से बातचीत में कहा कि भारत कई भाषाओं धर्मों और संस्कृति वाला देश है और लोग यहां अमन तथा समरसता के साथ रह रहे हैं।
उन्होंने कहा कि दक्षिण भारत में कई भाषाएं है और हिंदी केवल उत्तर भारत में बोली जाती है जबकि राजस्थान, महाराष्ट्र और ओडिशा की अपनी स्थानीय भाषा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वह श्री शाह के हर राज्य में हिंदी थोपे जाने के बयान का विरोध करेंगे। उन्होंने स्पष्ट करते हुए कहा कि वह हिंदी के खिलाफ नहीं है लेकिन हिंदी भाषा को राज्य में स्वीकार नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि जब से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सत्ता में आये तब से संघ परिवार की एक राष्ट्र एक संस्कृति और एक भाषा के सिद्धांत को थोपने का प्रयास किया जा रहा है।
श्री नारायणसामी ने कहा कि भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश है और यहां सब धर्म स्वीकार किये जाते हैं। केंद्र सरकार ने नयी शिक्षा प्रणाली के जरिये हिंदी भाषा को थोपने की कोशिश की थी और जब इसका विरोध किया गया तो उन्होंने इसे लागू करने से रोक दिया था।
उन्होंने श्री शाह के बयान को वापस लेने की मांग करते हुए कहा कि हिंदी को केवल वैकल्पिक विषय ही रहने देना चाहिए।
उल्लेखनीय है कि श्री नारायणसामी के अलावा तमिलनाडु के नेता एम के स्टालिन, सांसद अकबरद्दीन ओवैसी, केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन तथा मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी समेत कई नेताओं ने श्री शाह के बयान को वापस लेने और कथित तौर पर हिंदी को थोपने का विरोध किया है।
जतिन जितेन्द्र
वार्ता
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