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25 हजार प्रधानमंत्री सहायता कोष में जमा कराये चतुर्वेदी ने

हल्द्वानी 15 सितंबर (वार्ता) रमन मैग्सेसे पुरस्कार प्राप्त भारतीय वन सेवा के अधिकारी संजीव चतुर्वेदी ने उत्तराखंड उच्च न्यायालय की अवमानना से सम्बंधित एक मामले में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान(एम्स) नयी दिल्ली से मुआवजे के रुप में प्राप्त 25 हजार रुपये की राशि प्रधानमंत्री सहायता कोष में जमा कर दी है।
प्रधानमंत्री कार्यालय में तैनात अवर सचिव प्रदीप कुमार श्रीवास्तव ने श्री चतुर्वेदी को भेजे एक पत्र में प्रधानमंत्री राहत कोष के लिए पच्चीस हजार रुपये की धनराशि का चेक प्राप्त होने की पुष्टि की।
श्री चतुर्वेदी ने रविवार को यूनीवार्ता से कहा,“भारत का नागरिक होने के नाते मैं समझ नहीं पा रहा हूं कि लोक धन का इस्तेमाल अखिल भारतीय सेवा के एक अधिकारी के खिलाफ प्रतिशोधात्मक वाद दाखिल करने के लिए कैसे किया जा सकता है।”
उन्होंने यह भी कहा कि उच्च न्यायालय तथा उच्चतम न्यायालय ने उनके (श्री चतुर्वेदी के) वार्षिक गोपनीय रिपोर्ट (एसीआर) में प्रतिकूल प्रविष्टी को प्रतिशोधात्मक कार्यवाही ठहराते हुए केन्द्र सरकार पर जुर्माना लगाया था लिहाजा जुर्माने की राशि की वसूली उन अधिकारियों से होनी चाहिए जिनके द्वारा यह कार्यवाही अमल में लायी गयी थी।
प्रधानमंत्री कार्यालय को भेजे अपने पत्र में श्री चतुर्वेदी ने अक्टूबर 1949 में संविधान सभा में दिये सरदार वल्लभ भाई पटेल के वक्तव्य.. “अगर आपके पास अखिल भारतीय सेवा के अफसरों की ऐसी जमात नहीं है जो बेझिझक अपनी बात को कह सकें तो आप एकजुट भारत नहीं रख पायेंगे”.. का भी उल्लेख किया है।
सं.संजय
वार्ता
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