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पंचायत चुनावों में आरक्षण देने की जनहित याचिका खारिज, सरकार को राहत

नैनीताल, 18 सितम्बर (वार्ता) उत्तराखंड में पंचायत चुनावों में आरक्षण प्रक्रिया के मामले में बुधवार को उच्च न्यायालय से राज्य सरकार को बड़ी राहत मिली है।
मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन एवं न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की युगलपीठ ने आरक्षण प्रक्रिया को चुनौती देने वाली जनहित याचिका को खारिज कर दिया है। न्यायालय के इस फैसले को सरकार के लिये बड़ी राहत के रूप में देखा जा रहा है। साथ ही त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों का रास्ता भी साफ हो गया है।
प्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों का बिगुल बज गया है। सरकार ने चुनावों को लेकर अधिसूचना जारी कर दी है। हरिद्वार जिले को छोड़कर शेष 12 जिलों में चुनाव प्रक्रिया शुरू हो गयी है। दो दिन बाद 20 सितम्बर से नामांकन प्रक्रिया शुरू हो जाएगी जबकि तीन चरणों में छह, 11 और 16 अक्टूबर को मतदान होगा। सभी पंचायतों की मतगणना 21 अक्टूबर को होगी।
इसी बीच ऊधमसिंह नगर जनपद निवासी बहादुर कुशवाहा की ओर से पंचायतों में आरक्षण प्रक्रिया को लेकर एक जनहित याचिका के माध्यम से चुनौती दी गयी। स्थायी अधिवक्ता प्रदीप जोशी ने बताया कि याचिकाकर्ता की ओर से 13 अगस्त और 22 अगस्त को जारी की गयी अधिसूचनाओं को इसका आधार बनाया गया। याचिकाकर्ता की ओर से अदालत को बताया गया कि 13 अगस्त को जारी अधिसूचना में आरक्षण प्रक्रिया को लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं की गयी थी।
याचिकाकर्ता की ओर से सरकार के इस कदम को गलत बताया गया। याचिकाकर्ता की ओर से यह भी कहा गया कि सरकार ने कुछ ग्राम पंचायतों का पुनर्गठन कर आरक्षण प्रक्रिया में बदलाव कर दिया है जो कि गलत है। पंचायतों में आरक्षण तय करने के लिये चौथे चरण को आधार बनाया गया है जबकि पुनर्गठन से कुछ ग्राम पंचायतें आरक्षण की चौथे चरण की प्रक्रिया से बाहर हो गयी हैं।
अदालत में आज अपराह्न बाद मामले में लंबी सुनवाई हुई और अदालत ने याचिकाकर्ता से मामले के हल के सुझाव मांगे लेकिन याचिकाकर्ता के पास अदालत के तर्कों का कोई जवाब नहीं था। इसके बाद अदालत ने दोनों अधिसूचनाओं को सही मानते हुए जनहित याचिका को खारिज कर दिया। अदालत ने अपने निर्णय के आधार में उच्चतम न्यायालय के साथ-साथ राजस्थान और कर्नाटक उच्च न्यायालय के विभिन्न निर्णयों का भी हवाला दिया है। उच्च न्यायालय के इस निर्णय को सरकार के लिये अच्छी खबर मानी जा रही है।
रवीन्द्र, उप्रेती
वार्ता
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