Friday, Mar 29 2024 | Time 07:14 Hrs(IST)
image
राज्य » अन्य राज्य


हाथियों पर लाल मिर्च इस्तेमाल पर हाईकोर्ट ने लगाया प्रतिबंध

नैनीताल, 15 अक्टूबर (वार्ता) उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने विश्व प्रसिद्ध कार्बेट पार्क से सटे कोरिडोरों में हाथियों पर नियंत्रण करने के लिये वन विभाग के ओर से लाल मिर्च का इस्तेमाल करने के कदम पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है।
न्यायालय ने कहा कि कोरिडोरों पर मानव जीवन के बजाय वन्य जीवों खासकर हाथियाें का पहला अधिकार है। इसके साथ ही अदालत ने कोरिडोरों पर हुए अतिक्रमण एवं राजमार्गों पर वाहनों पर नियंत्रण करने के मामले में केन्द्रीय पर्यावरण मंत्रालय और उत्तराखंड के मुख्य वन्य जीव प्रतिपालक एवं प्रमुख वन संरक्षक से दो सप्ताह में जवाब पेश के निर्देश दिये हैं।
मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन एवं न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की युगलपीठ ने ये निर्देश दिल्ली की इंडिपेंडेंट मेडिकल इनिशिएटिव सोसाइटी की ओर से दायर जनहित याचिका की सुनवाई करते मंगलवार को जारी किये। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता दुष्यंत मैनाली ने बताया कि वन विभाग की ओर से आज अदालत में जवाब पेश किया गया। वन विभाग ने माना कि कार्बेट पार्क से सटे तीन हाथी कोरिडोरों पर हाथियों पर नियंत्रण करने के लिये उसके द्वारा मई 2019 से मिर्च और पटाखों का प्रयोग किया जा रहा है।
वन विभाग की ओर से यह भी कहा गया है कि साउथ पाडली-दून हाथी कोरिडोर पर मोहान के पास हाथियों को राजमार्ग पार करने से रोकने के लिये वन विभाग की ओर से विभिन्न प्रकार से लाल मिर्च एवं पटाखों का प्रयोग किया जा रहा है। श्री मैनाली ने कहा कि मुख्य न्यायाधीश की अगुवाई वाली खंडपीठ ने इसे गंभीरता से लिया और वन विभाग द्वारा किये जा रहे मिर्च के प्रयोग पर तत्काल प्रभाव से प्रतिबंध लगा दिया है।
याचिकाकर्ता की ओर से अदालत को यह भी बताया गया कि उत्तराखंड में हाथियों के 11 कोरिडोर हैं। कार्बेट पार्क से सटे तीन कोरिडोर साऊथ पाडली-दून, चिल्किया-कोटा, मलानी-कोटा (ढिकुली) कोरिडोरों पर लगभग 70 प्रतिशत अतिक्रमण हो गया है। इन कोरिडोरों के बीच में बड़े बड़े रिसाॅर्ट का निर्माण किया गया है। श्री मैनाली ने बताया कि अदालत ने कोरिडोरों पर हुए अतिक्रमण के मामले में एवं राजमार्गों पर रात में चलने वाले वाहनों पर नियंत्रण के मामले में केन्द्र सरकार व वन विभाग से दो सप्ताह में शपथ पत्र पेश करने को कहा गया है। अदालत ने दोनों से याचिका में उठाये गये सभी बिन्दुओं पर जवाब पेश करने को कहा है। इस मामले में अगली सुनवाई दो सप्ताह बाद होगी।
इससे पहले याचिकाकर्ता संस्था की ओर से कहा गया था कि वन विभाग रामनगर-मोहान के बीच 27 किमी क्षेत्र में हाथियों के नदी में जाने पर रोक लगा रही है और इसके लिये मिर्च का प्रयोग कर रही है। याचिका में यह भी कहा गया है कि कार्बेट पार्क से सटे तीन कोरिडार अतिक्रमण का शिकार हो गये हैं।
रवीन्द्र, उप्रेती
वार्ता
image