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कुमाऊं-गढ़वाल में लगेंगे दो आधुनिकतम डाॅप्लर वेदर रडार

नैनीताल, 16 अक्टूबर (वार्ता) केन्द्र सरकार ने उत्तराखंड उच्च न्यायालय को बताया कि राज्य में खराब मौसम की चेतावनी देने वाले दो आधुनिकतम ‘डाॅप्लर वेदर रडार सिस्टम’ जल्द लगाये जायेंगे। गढ़वाल एवं कुमाऊं दोनों क्षेत्रों में पृथक-पृथक वेदर रडार सिस्टम लगाया जायेगा।
मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन एवं न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की युगलपीठ ने केन्द्र सरकार को निर्देश दिये कि दोनों सिस्टम समयबद्ध ढंग से लगाये जायें।
केन्द्र सरकार के अधिवक्ता वीरेन्द्र कपरवाण ने बुधवार को अदालत को बताया गया कि पश्चिमी हिमालय में खराब मौसम की चेतावनी जारी करने के लिये ये डाॅप्लर वेदर रडार लगाये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि पहला डाॅप्लर वेदर रडार गढ़वाल मंडल के टिहरी स्थित सुुरकंडा और दूसरा कुमाऊं मंडल के नैनीताल जनपद के मुक्तेश्वर में लगाया जायेगा। केन्द्र की ओर से अदालत को यह भी बताया गया कि केन्द्र सरकार ने एक्स बैंड नामक दस डाॅप्लर वेदर रडार खरीदने के लिये आदेश जारी कर दिया हैं। हैदराबाद की कंपनी अस्ट्रा माइक्रोवेब प्रोडक्ट लिमिटेड को खरीदने की जिम्मेदारी दी गयी है।
श्री कपरवाण ने अदालत को आगे बताया कि मार्च 2020 तक दोनों रडार स्थापित कर दिये जायेंगे। दोनों विनिर्माण चरण में हैं। अदालत ने केन्द्र सरकार के वक्तव्य एवं दस्तावेज को रिकाॅर्ड कर लिया और निर्देश दिये कि भौगोलिक रूप से बेहद संवेदनशील प्रदेश में लोगों की जानमान बचाने के लिये तय समय के अंदर दोनों रडार स्थापित करें।
इसी के साथ ही प्रदेश सरकार के सहायक महाधिवक्ता जे.पी. जोशी की ओर से भी अदालत को बताया गया कि सरकार प्रदेश में 107 आधुनिक स्वचालित मौसम केन्द्र स्थापित कर रही है। ये प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में स्थापित किये जायेंगे। इनसे खराब मौसम का पूर्वानुमान लगाया जा सकेगा। श्री जोशी ने यह बताया कि प्रदेश में भारी बारिश का पूर्वानुमान लगाने के लिये भी 28 आॅटोमैटिक रेन गेजेज एवं भारी बर्फवारी का पूर्वानुमान लगाने के लिये 16 आॅटोमेटिक स्नो गेजेज स्थापित किये जा रहे हैं। प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में ये सभी जल्द स्थापित कर दिये जायेंगे।
गाजियाबाद निवासी अजय गौतम ने 2013 में आयी केदारनाथ आपदा के एक साल बाद 2014 में एक जनहित याचिका दायर कर प्रदेश के पारिस्थितिकीय रूप से बेहद संवेदनशील क्षेत्रोें में उच्च स्वचालित चेतावनी प्रणाली स्थापित करने की मांग की थी और उच्च न्यायालय से इस मामले में सरकार को निर्देश देने को कहा था। इसके बाद अदालत ने केन्द्र सरकार से इस मामले में जवाब मांगा था।
रवीन्द्र, उप्रेती
वार्ता
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