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ईवीएम में गड़बड़ी को लेकर दायर याचिकाओं पर सुनवायी पूरी

नैनीताल, 13 नवम्बर (वार्ता) उत्तराखंड उच्च न्यायालय में विधानसभा चुनावों में इलैक्ट्रोनिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) में गड़बड़ी को लेकर कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी के विधायकों की याचिकाओं पर बुधवार को सुनवाई पूरी हो गयी है।
न्यायाधीश न्यायमूर्ति लोकपाल सिंह की अदालत में कांग्रेस के हारे हुये प्रत्याशियों और भारतीय जनता पार्टी के चुने हुए विधायकों की ओर से दायर याचिका पर आज दिनभर सुनवाई हुई। भाजपा विधायकों की ओर से ईवीएम को लेकर दायर याचिकाओं की पोषणीयता पर सवाल उठाये गये थे। प्रतिवादी विधायकों की ओर से अपने जवाब में कहा गया कि ईवीएम को लेकर याचिकाकर्ताओं ने जो सवाल उठाये हैं, वे वैद्य नहीं हैं। इसलिये याचिकाओं को खारिज किया जाये। न्यायमूर्ति लोकपाल सिंह ने दिनभर चली सुनवाई के बाद उच्च न्यायालय ने फैसला सुरक्षित रख लिया है।
उल्लेखनीय है कि यह मामला वर्ष 2017 में हुए उत्तराखंड विधानसभा चुनावों से जुड़ा हुआ है। कांग्रेस के पूर्व कैबिनेट मंत्री और विकासनगर से प्रत्याशी नवप्रभात, राजपुर रोड देहरादून से राजकुमार, मंसूरी से गोदावरी थापली, बीएचईएल रानीपुर हरिद्वार से अमरीश कुमार, प्रतापनगर टिहरी से विक्रम सिंह नेगी, रायपुर देहरादून से प्रभुलाल बहुगुणा, हरिद्वार ग्रामीण से चरण सिंह तथा काशीपुर से राजीव अग्रवाल ने ईवीएम में गड़बड़ी को लेकर उच्च न्यायालय में पृथक-पृथक याचिकाएं दायर की थीं।
याचिकाकर्ताओं के अधिवक्ता रवीन्द्र सिंह बिष्ट ने बताया कि भाजपा के छह चुने हुए विधायकों की ओर से एक प्रार्थना पत्र देकर सिविल प्रक्रिया संहिता के आदेश सात और नियम 11 के तहत याचिका की पोषणीयता पर सवाल उठाये गये थे। श्री बिष्ट ने बताया कि दोनों पक्षों को दलीले सुनने के बाद न्यायालय ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है।
सं राम
वार्ता
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28 Mar 2024 | 3:21 PM

ईटानगर, 28 मार्च (वार्ता) भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेता एवं अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू एवं पार्टी के चार अन्य उम्मीदवारों को निर्विरोध निर्वाचित घोषित किया जाना तय है, क्योंकि उनके किसी भी प्रतिद्वंद्वी ने पांच विधानसभाओं में उनके खिलाफ नामांकन दाखिल नहीं किया था।

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