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हाईकोर्ट ने दिए सचिव, डीएम नैनीताल को अदालत में पेश होने के निर्देश

नैनीताल, 16 नवम्बर (वार्ता) उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (आईएफएसएसए) के मानकों के तहत प्रदेश में बूचड़खानों का निर्माण नहीं करने के मामले में शनिवार को शहरी विकास विभाग के सचिव, नैनीताल जिलाधिकारी एवं आईएफएसएसए के अलावा नगर निगम हल्द्वानी एवं नगर पालिका नैनीताल को कारण बताओ नोटिस जारी किया और उनसे पूछा है कि क्यों न आपके खिलाफ अवमानना की कार्यवाही अमल में लायी जाये। अदालत ने सभी को 25 नवम्बर को व्यक्तिगत रूप से अदालत में पेश होने के भी निर्देश दिये हैं।
मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन और न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की युगलपीठ में याचिकाकर्ता महबूब कुरैशी एवं अन्य द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई हुई। यह जानकारी याचिकाकर्ता के अधिवक्ता आदित्य कुमार आर्य ने दी। याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि उच्च न्यायालय ने वर्ष 2011 में एक आदेश जारी कर प्रदेश में आईएफएसएसआई के मानकों के तहत प्रदेश में बूचड़खानों के निर्माण के निर्देश दिये थे।
याचिकाकर्ता की ओर से यह भी कहा गया कि अदालत के निर्देश पर वर्ष 2014 तक मानकों के तहत सभी बूचड़खानों का निर्माण होना चाहिए था लेकिन इस अवधि में एक भी बूचड़खाना का निर्माण नहीं किया गया। इसके बाद न्यायालय ने वर्ष 2018 में एक और आदेश पारित कर प्रदेश में गैर कानूनी तरीके से चल रहे सभी बूचड़खानों को 72 घंटे के अंदर बंद करने के निर्देश दिये थे।
याचिकाकर्ता ने यह भी बताया कि उच्च न्यायालय ने अपने आदेश में मानकों के तहत बूचड़खानों का निर्माण करने और खुले में पशुओं के वध पर भी रोक लगा दी थी। अदालत के आदेश के बाद सरकार एवं स्थानीय निकाय हरकत में आये और उन्होंने प्रदेश में अनधिकृत रूप से चल रहे सभी बूचड़खानों को बंद कर दिया। याचिकाकर्ता ने अदालत को यह भी बताया कि प्रदेश में अभी तक अधिकृत रूप से एक भी बूचड़खाना संचालित नहीं हो रहा है और इसके बावजूद मांस की बिक्री धड़ल्ले से हो रही है।
दूसरी ओर हल्द्वानी नगर निगम के नगर आयुक्त आज अदालत में व्यक्तिगत रूप से पेश हुए। उन्होंने अदालत को बताया कि हल्द्वानी में मानकों के तहत बूचड़खाना का निर्माण कर लिया गया है लेकिन सरकार की ओर से उन्हें लाइसेंस उपलब्ध नहीं किया जा रहा है जिसके चलते बूचड़खाना संचालित नहीं कर पा रहा है। इसी प्रकार रामनगर नगर पालिका की ओर से भी अदालत को बताया गया कि रामनगर में भी बूचड़खाना का निर्माण कर लिया गया है लेकिन लाइसेंस की प्रक्रिया पूरी नहीं हो पायी है।
श्री आर्य ने बताया कि इसके बाद युगलपीठ ने गंभीर रूख अख्तियार करते विकास विभाग के सचिव, डीएम नैनीताल, आईएफएसएसए, नगर आयुक्त हल्द्वानी के साथ साथ नैनीताल नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी को आगामी 25 नवंबर को व्यक्तिगत रूप से अदालत में पेश होने के निर्देश दिये हैं और सभी को कारण बताओ नोटिस भी जारी किये हैं कि क्यों न आपके खिलाफ अवमानना की कार्यवाही अमल में लायी जाये।
रवीन्द्र, उप्रेती
वार्ता
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