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उत्तराखंड विस का शीतकालीन सत्र विपक्ष के हंगामे के साथ शुरू

देहरादून, 04 दिसम्बर (वार्ता) उत्तराखंड विधानसभा का शीतकालीन सत्र बुधवार को विपक्ष कांग्रेस के महंगाई के मुद्दे पर हंगामे के साथ शुरू हुआ।
देहरादून स्थित विधान भवन में सुबह निर्धारित समय से लगभग सात मिनट विलंब से राष्ट्रगान के साथ शीतकालीन सत्र
शुरू हुआ। विधानसभा अध्यक्ष प्रेम चंद्र अग्रवाल ने पिथौरागढ़ उपचुनाव में भारतीय जनता पार्टी की विजयी प्रत्याशी चंद्रा पंत का पहली बार विधानसभा सदस्य के रूप में प्रतिभाग करने पर स्वागत किया। साथ ही खानपुर के विधायक कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन को भाजपा द्वारा निष्कासित किये जाने के कारण अलग बैठने की व्यवस्था की गयी।
इसी दौरान, नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश ने महंगाई के मुद्दे पर प्रश्नकाल स्थगित कर नियम 310 के अंतर्गत चर्चा की मांग की। विपक्षी सदस्य अपनी मांग पूरा कराने को सदन के बीचोंबीच आ गए। उनके हाथों में गैस का सिलेंडर बना प्ले कार्ड था। विधानसभा अध्यक्ष ने नियम 58 के अंतर्गत चर्चा की अनुमति देने पर कांग्रेस विधायक अपनी सीटों पर बैठ गए।
इसके अतिरिक्त सत्र के पहले दिन संसदीय कार्य मंत्री मदन कौशिक ने कुल 11 विधायक सदन के पटल पर रखे जबकि सचिव विधानसभा ने राज्यपाल की अनुमति के बाद उत्तराखंड पंचायतीराज संशोधन विधेयक 2019 को राज्य का वर्ष 2019 का दसवां अधिनियम बनने और उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय संशोधन विधेयक 2018 को स्वीकृति प्राप्त होने के बाद ग्यारहवां अधिनियम बनने की घोषणा की।
प्रश्नकाल के दौरान कांग्रेस के प्रीतम सिंह ने लाल डांग-चिलर खाल मार्ग के निर्माण संबंधी प्रश्न पर वन मंत्री हरक सिंह रावत ने बताया कि इस मार्ग का कार्य 70 प्रतिशत पूरा हो चुका है और शेष कार्य आगामी 17 दिसंबर को वन्य जीव परिषद की बैठक में राज्य सरकार द्वारा अपना पक्ष रखे जाने के बाद संस्तुति प्राप्त होने पर पूर्ण हो जाएगा। कांग्रेस की ममता राकेश ने श्रम मंत्री से राज्य कर्मचारी बीमा योजना के संबंध में पूछे गए एक प्रश्न के जवाब में श्रम मंत्री ने बताया कि राज्य में 28 डिस्पेंसरी कार्यरत हैं जिनमें 62 चिकित्सक कार्यरत हैं और 37 चिकित्सकों के पद रिक्त हैं।
मंत्री ने बताया की डिस्पेंसरी बंद होने के बाद कर्मचारियों को चिकित्सा के लिए निजी चिकित्सालय में उपचार की सुविधा प्रदान की गई है। इस संदर्भ में पीड़ित कर्मचारी निजी चिकित्सालय में उपचार को भर्ती होने के 72 घंटे के दौरान राज्य कर्मचारी बीमा विभाग को सूचना प्रदान कर सकता है।
सं. उप्रेती
वार्ता
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