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महिलाओं का शिक्षित, स्वस्थ होना नितांत आवश्यक: स्वामी चिदानन्द सरस्वती

ऋषिकेश 13 दिसंबर (वार्ता) परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने शुक्रवार को कहा कि परिवार को सशक्त बनाने के लिये महिलाओं का शिक्षित और स्वस्थ होना नितांत आवश्यक है। जब बेटियां शिक्षित होगी तो वह अपने जीवन से जुड़े निर्णय ले पायेगी।
परमार्थ निकेतन में नारी शक्ति को स्वरोजगार हेतु प्रोत्साहित करने के लिये आज एक कार्यशाला का आयोजन किया गया जिसमें प्रकाश भारती विद्यालय की शिक्षिकाओं एवं सिलाई एवं कम्प्यूटर सेंटर के शिक्षिकाओं ने सहभाग किया।
परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष और जीवा की अन्तर्राष्ट्रीय महासचिव साध्वी भगवती सरस्वती ने शिक्षिकाओं को कहा कि छात्राओं को शिक्षा के साथ-साथ स्वरोजगार के लिये भी प्रेरित करे।
परमार्थ निकेतन द्वारा ऋषिकेश और आस-पास के क्षेत्रों में सेन्टर चलाये जा रहे हैं जिसमें अल्प शिक्षित बालिकाओं और महिलाओं को सिलाई, बुनाई, कम्प्यूटर आदि का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। साथ ही समय-समय पर उन्हें परमार्थ निकेतन में शौचालय निर्माण, स्वच्छता प्रबंधन जैसे विषयों पर भी प्रशिक्षित किया जाता है।
स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने कहा कि परिवार को सशक्त बनाने के लिये महिलाओं का शिक्षित और स्वस्थ होना नितांत आवश्यक है। बेटियां शिक्षित होगी तो वह अपने जीवन से जुड़े निर्णय ले पायेगी। उन्होंने कहा कि ग्रामीण महिलाओं को विकास की मुख्य धारा में लाने के लिये उन्हें स्वरोजगार से जोड़ना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि नारी शक्ति में प्रबंधन के विशेष गुण होते है अतः उन्हें उद्यमिता से जोड़ा जाना चाहिये। महात्मा गांधी जी ने कहा था कि जब नारी शिक्षित होती है तो दो परिवार शिक्षित होते है। वर्तमान समय में हमारी बेटियों ने शिक्षा, खेल, अंतरिक्ष, अनुसंधान, सैन्य सभी में अपना एक विशेष स्थान बनाया है अतः देश की हर बेटी की पहुंच शिक्षा तक हो।
प्रकाश भारती स्कूल एवं अन्य स्कूल की शिक्षिकाओं ने स्वामी चिदानन्द सरस्वती महाराज और साध्वी भगवती सरस्वती के सान्निध्य में विश्व स्तर पर स्वच्छ जल की आपूर्ति हेतु विश्व ग्लोब का जलाभिषेक किया। स्वामी जी ने सभी को एकल उपयोग प्लास्टिक का उपयोग न करने का संकल्प कराया।
सं. उप्रेती
वार्ता
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