राज्य » अन्य राज्यPosted at: Dec 31 2019 8:15PM अकेली महिलाओं को रात में घर पहुंचा रही पुलिसदेहरादून/अल्मोड़ा 31 दिसम्बर(वार्ता) उत्तराखंड पुलिस अपने सूत्र वाक्य मित्रता, सेवा और सुरक्षा को साकार करने के लिये नए प्रयोग करने में जुटी है। देहरादून में जहां देर रात्रि अकेली महिलाओं को घर तक पहुंचाने का कार्य पुलिस कर रही है वहीं अल्मोड़ा में निर्धन एवं असहाय लोगों को रजाई बांटने के साथ ही उनका स्वास्थ्य परीक्षण करा रही है।देहरादून के उप महानिरीक्षक (डीआईजी) और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) का कार्य संभाल रहे अरुण मोहन जोशी ने जिले में देर रात्रि को यातायात के साधन न मिलने पर अकेली महिलाओं को उनके गन्तव्य तक पहुंचाने का अभियान शुरू किया हुआ है। इसके लिये, महिला को अपने मोबाइल से निःशुल्क 112 नम्बर पर कॉल करना होता है। इस पर निकटवर्ती पीसीआर वैन महिला के पास जाकर उन्हें गन्तव्य तक छोड़ती है।श्री जोशी ने यूनीवार्ता को बताया कि अभी तक अनेक महिलाओं को उनके गन्तव्य तक पहुंचाया जा चुका है जबकि दो सौ से ज्यादा महिलाओं ने अपने गूगल प्ले स्टोर में 112 फोन एप डाउनलोड किया हुआ है। उन्होंने बताया कि इस अभियान में पुलिस का साथ देने के लिये कुछ जागरूक नागरिकों ने प्रस्ताव रखा है। इसके अलावा थानों में रक्तदान शिविर आयोजित किये जा रहे हैं। मंगलवार को ऋषिकेश कोतवाली में लगे शिविर में 53 यूनिट रक्तदान पुलिस कर्मियों ने दिया। इसके साथ ही, कुमायूं परिक्षेत्र के डीआईजी जगत राम जोशी की पहल पर संचालित पहल योजना के तहत एसएसपी अल्मोड़ा प्रह्लाद नारायण मीणा ने वर्ष 2019 के अंतिम दिन पुलिस लाईन में समाज के कमजोर वर्ग के लोगों (निर्धन, असहाय) को ठंड से बचाने के लिए रजाईयां वितरित कीं। इतना ही नहीं, सभी का जिला अस्पताल के सहयोग से निःशुल्क स्वास्थ्य परिक्षण करवाया। इस कार्यक्रम में लमगड़ा सोमेश्वर, दन्या तथा अल्मोड़ा नगर के निर्धन, असहाय 100 महिला एवं पुरुषों को रजाईयां वितरित की गई।श्री मीणा के अनुसार, डीआईजी ने पुलिस सारथी स्कीम के तहत वृद्ध गरीब परिवारों को ठंड से बचाने के लिये परिक्षेत्र के उद्योगपतियों के सहयोग से कुमायूं के सभी जनपदों में पुलिस विभाग की ओर से रजाई वितरित करायी जा रही है। उन्होंने बताया कि इससे समाज के कमजोर वर्ग के लोगों की सहायता और सहयोग कर पुलिस को और अधिक संवेदनशील बनाने का एक अभिनव प्रयास है।सं.संजयवार्ता