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दिल्ली के शाहीन बाग की तरह हल्द्वानी में भी सीएए का विरोध शुरू

नैनीताल, 22 जनवरी (वार्ता) देश की राजधानी दिल्ली के शाहीन बाग पर महिलाओं का धरना प्रदर्शन का दौर अभी थमा नहीं कि उत्तराखंड के हल्द्वानी में भी नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (एनआरसी) के खिलाफ महिलाओं ने मोर्चा खोल दिया है।
महिलायें हल्द्वानी शहर के सबसे व्यस्ततम ताज चौराहे पर बैठ गयी हैं। महिलाओं ने दावा किया कि शाहीन बाग की तरह ही धरना प्रदर्शन अनिश्चितकालीन समय तक चलेगा। प्रदर्शनकारियों के सामने पुलिस एवं प्रशासन मूक दर्शक बना रहा।
धरना प्रदर्शन करने वालों में सिर्फ महिलायें ही नहीं बड़ी संख्या में बच्चे भी शामिल हैं। ताज चौराहे पर प्रदर्शनकारी महिलायें आज सुबह से जुटनी शुरू हुईं। दोपहर तक संख्या बढ़ती गयी।
प्रदर्शनकारी महिलायें सीएए, एनआरसी और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) का विरोध कर रही है और साथ ही मौके पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह के खिलाफ नारे करते दिखाई दे रही हैं। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि केन्द्र सरकार संविधान के खिलाफ काम कर रही है। सरकार की कार्यशैली संविधान की प्रस्तावना के खिलाफ है।
प्रदर्शनकारियों ने कहा कि सीएए कानून देश की गंगा जमुनी तहजीब के खिलाफ है। उन्होंने दावा किया कि धरना प्रदर्शन शाहीन बाग की तरह ही शांतिपूर्ण तरीके से तब तक चलेगा जब तक केन्द्र सरकार सीएए और एनआरसी को वापस नहीं ले लेती। इस व्यस्ततम चौराहे पर धरना प्रदर्शन के चलते यातायात के निर्बाध आवागमन पर असर पड़ रहा है।
महिलाएं अपने साथ बैनरों एवं पोस्टरों को भी लायी हैं जिनमें केन्द्र सरकार के खिलाफ नारे लिखे गये हैं। बैनरों में लिखा है कि ‘जिन्हें पता नहीं साढ़ियों का, वो हिसाब मांग रहे पीढ़ियों का, वह तोड़ेंगे, हम जोड़ेंगे, नो सीएए, नो एनआरसी, आई वाज बोर्न इन इंडिया, आई विल डाई इन इंडिया” जैसे नारे लिखे गये हैं। दूसरी ओर धरना प्रदर्शन को लेकर पुलिस एवं प्रशासन के सतर्क हो गयी है। दिनभर प्रशासन मौके की नजाकत को भांपने में लगा रहा।
प्रशासन की ओर से मौके पर भारी पुलिस बल को तैनात किया गया है।
रवीन्द्र, उप्रेती
वार्ता
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