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भाजपा कार्यकर्ताओं ने इंदिरा हृदयेश का फूंका पुतला

नैनीताल, 25 जनवरी (वार्ता) उत्तराखंड में नागरिकता संशोधन बिल (सीएए) को लेकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और कांग्रेस के बीच खींचतान बढ़ती जा रही है। भाजपा की ओर से शनिवार को नेता प्रतिपक्ष एवं कांग्रेस नेता इंदिरा हृदयेश पर लोगों को भड़काने का आरोप लगाया गया और उनका पुतला फूंका।
भाजपा ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष ने संवैधानिक पद पर रहते संविधान विरोधी काम किया है और पद का दुरूपयोग किया है।
भाजपा के नेताओं ने हल्द्वानी में आज श्रीमती हृदयेश का पुतला फूंकते हुए आरोप लगाया कि नेता प्रतिपक्ष ने हल्द्वानी शहर में लगी धारा 144 का उल्लंघन किया और शहर के बीचोंबीच महिलाओं की ओर गैरकानूनी तरीके से किये जा रहे धरना प्रदर्शन को समर्थन दिया। यही नहीं उन्होंने धरने पर बैठी महिलाओं को उकसाया भी।
भाजपा नेता नवीन बिष्ट ने कहा कि संवैधानिक पद पर रहते हुए उन्हें लोगों को सीएए के विषय में समझाना चाहिए था जबकि नेता प्रतिपक्ष ने प्रदर्शनकारियों का बरगलाने का काम किया है। थ्वनीत अग्रवाल, रेनू अधिकारी और नवीन पंत ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष ने धारा 144 तोड़कर अपनी कमजोर मानसिकता का परिचय दिया है। उन्होंने कहा सीएए नागरिकता देने का कानून है न कि नागरिकता लेने का। इससे देश में रहने वाले किसी भी अल्पसंख्यक की नागरिकता पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। उन्होंने आरोप लगाया कि नेता प्रतिपक्ष ने शहर के सामाजिक सौहार्द एवं सद्भाव को खत्म करने का काम किया है।
राज्यमंत्री प्रकाश हरबोला ने कांग्रेस नेता से पूछा कि वह बताये कि वह पड़ोसी देशों में जुल्मों के शिकार अल्पसंख्यकों हिन्दू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी एवं इसाइयों को भारत की नागरिकता देने के खिलाफ है? उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने सीएए का विरोध कर लोगों को भड़काने का काम कर रही है लेकिन सीएए का विरोध किस बात को लेकर कर रही यह बात उसे भी समझ नहीं आ रही है।
उल्लेखनीय है कि नेता प्रतिपक्ष दो दिन पहले हल्द्वानी के ताज चौराहे में आयोजित धरने में शामिल हुई थी और उन्होंने सीएए का विरोध कर रही एक समुदाय विशेष की महिलाओं को अपना समर्थन देने की घोषणा की थी। यही नहीं उन्होंने सीएए को लेकर केन्द्र सरकार की जमकर आलोचना की थी और सीएए को लेकर केन्द्र सरकार के कदम को संविधान विरोधी बताया था।
रवीन्द्र, उप्रेती
वार्ता
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