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छात्रवृत्ति घोटाला में समाज कल्याण विभाग जांच में सहयोग नहीं कर रहा: एसआईटी

नैनीताल, 04 मार्च (वार्ता) उत्तराखंड के लगभग 600 करोड़ रुपये के बहुचर्चित छात्रवृत्ति घोटाले में बुधवार को नया तथ्य सामने आया कि समाज कल्याण विभाग जांच में सहयोग नहीं कर रहा है। उच्च न्यायालय ने इस बात को बेहद गंभीरता से लिया और प्रदेश के समाज कल्याण सचिव को 13 मार्च तक सशर्त जवाब पेश करने को कहा है।
न्यायालय ने निर्देश दिया कि यदि समाज कल्याण सचिव तय अवधि के अंदर जवाब पेश करने में अक्षम रहे तो वे अगली सुनवाई 16 मार्च को सचिव व्यक्तिगत रूप से अदालत में पेश हों।
देहरादून निवासी रवीन्द्र जुगरान की ओर से दायर जनहित याचिका की सुनवाई बुधवार को मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन एवं न्यायमूर्ति रमेश चंद्र खुल्बे की युगलपीठ में हुई। छात्रवृत्ति घोटाले की जांच कर रहे विशेष जांच दल (एसआईटी) के प्रमुख टी.एस. मंजूनाथ अदालत में पेश हुए। अदालत ने उनसे अभी तक की जांच की प्रगति के संबंध में पूछा। श्री मंजूनाथ की ओर से कहा गया कि समाज कल्याण विभाग जांच में सहयोग नहीं कर रहा है। जिससे जांच में अपेक्षित तेजी नहीं आ रही है।
एसआईटी के जवाब को अदालत ने गंभीरता से लिया और प्रदेश के समाज कल्याण सचिव को 13 मार्च तक शपथपत्र के माध्यम से जवाब पेश करने को कहा। अदालत ने सचिव को यह भी निर्देश दिये कि यदि समाज कल्याण सचिव की ओर से जवाब प्रस्तुत नहीं किया जाता है तो वे अगली सुनवाई को अदालत में व्यक्तिगत रूप से पेश होंगे। छात्रवृत्ति घोटाले के आरोप में फंसे कुछ संस्थानों की ओर से अदालत को बताया गया कि वे घोटाले की रकम को वापस करना चाहते हैं लेकिन एसआईटी उनको सहयोग नहीं कर रही है। एसआईटी पैसा वापस नहीं ले रही है।
श्री मंजूनाथ की ओर से अदालत को बताया गया कि उन्हें रकम वापस लेने का कोई अधिकार नहीं है। साथ ही उनके पास ऐसे धन के लिये पृथक से कोई बैंक खाता भी मौजूद नहीं है। इसके बाद अदालत ने प्रदेश के प्रमुख सचिव वित्त को निर्देश दिये कि वह ऐसे संस्थान जो घोटाले की रकम वापस करना चाहते हैं उनके लिये पृथक से बैंक खाता खोलने की व्यवस्था करे ताकि घोटाले की रकम को जमा लिया जा सके।
उल्लेखनीय है कि समाज कल्याण विभाग के तहत संचालित होने वाली छात्रवृत्ति घोटाले की जांच उच्च न्यायालय की निगरानी में चल रही है। न्यायालय की ओर से घोटाले की जांच के लिये एसआईटी के दो दलों का गठन किया गया है। छात्रवृत्ति घोटाले से कई सफेदपोश नेताओं के तार जुड़े होने की संभावना है। देहरादून एवं हरिद्वार जिले की जांच श्री मंजूनाथ की अगुवाई में एसआईटी की ओर से की जा रही है जबकि शेष 11 जनपदों की जांच संजय गुंज्याल की अगुवाई में गठित एसआईटी कर रही है। एसआईटी उत्तर प्रदेश एवं उत्तराखंड में कई संस्थाओं के खिलाफ कार्यवाही कर चुकी है और अभी तक कई लोग गिरफ्तार हो चुके है।
रवीन्द्र, उप्रेती
वार्ता
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