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मिड डे मील योजनान्तर्गत स्कूली बच्चों को मिलेगा दूध

देहरादून 12 मार्च (वार्ता) उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने गुरुवार को दुग्ध उत्पादक सहकारी संघ लिमिटेड, देहरादून में राज्य सहकारी डेरी फेडरेशन एवं विद्यालयी शिक्षा विभाग के संयुक्त तत्वाधान में माध्याह्न भोजन योजना (मिड डे मील) के अन्तर्गत मुख्यमंत्री आँचल अमृत योजना का शुभारम्भ स्कूली बच्चों को दूध पिलाकर किया गया।
श्री रावत ने इस अवसर पर कुमाऊँनी एवं गढ़वाली भाषा की कक्षा एक से पांचवीं तक की पुस्तकों का लोकार्पण एवं कुमाऊँनी-गढ़वाली-जौनसारी शब्दकोष का विमोचन किया। पर्यावरण संरक्षण को ध्यान में रखते हुए छठीं से आठवीं कक्षा तक के लिए राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) की ई बुक्स को लॉच किया गया, पांच स्कूलों के लिए के-यान डिवाइस का वितरण एवं संपर्क फाउण्डेशन द्वारा स्कूलों के लिए बनाई गई एडवांस्ड इंग्लिश किट का वितरण किया गया।
मुख्यमंत्री ने साथ ही, राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम द्वारा संचालित राज्य समेकित सहकारी समिति के पांच सदस्यों को दुधारू पशुओं की इकाई स्थापित किये जाने हेतु ऋण एवं अनुदान के चेक वितरित किये। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री की उपस्थिति में ऑचल एवं अमूल के मध्य हुए समझौते का शुभारम्भ किया गया एवं बद्री गाय के घी विक्रय के लिए हिमालयन बास्केट प्राइवेट लिमिटेड तथा चंपावत दुग्ध संघ के मध्य समझौता हस्ताक्षरित किया गया।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री आँचल अमृत योजना के तहत आंगनबाड़ी में बच्चों को सप्ताह में चार दिन दूध उपलब्ध कराया जा रहा है। अब स्कूलों में भी पहली से आठवीं कक्षा तक के बच्चों को सप्ताह में एक दिन दूध उपलब्ध कराया जायेगा। इस योजना को और आगे बढ़ाया जायेगा। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड के नौनिहालों में प्रतिभाओं की कमी नहीं है, उनकी प्रतिभाओं को उभारने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि ऐसे प्रतिभाशाली बच्चे जो आर्थिक रूप से कमजोर हैं, उनके लिए छठी से 12वीं कक्षा तक जयहरीखाल में आवासीय विद्यालय खोला जा रहा है। राज्य सरकार का प्रयास है कि प्रतिभाशाली बच्चों को आगे लाया जाय। इस बार के वित्तीय बजट में ऐसे बच्चों के लिए मुख्यमंत्री नवोन्मेष कोष बनाया गया है।
शिक्षा मंत्री अरविन्द पाण्डेय ने कहा कि विभिन्न विभागों एवं संगठनों द्वारा स्कूली बच्चों को अनेक सुविधाएं दी जा रही हैं। शिक्षा विभाग के समक्ष यह चुनौती है कि हम बच्चों को किस प्रकार गुणवत्तापरक शिक्षा प्रदान कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि सरकारी स्कूलों में छात्र संख्या बढ़ाने के लिए अनेक प्रयास किये जा रहे हैं। पूरे प्रदेश में एनसीईआरटी का पाठ्यक्रम लागू करने वाला उत्तराखण्ड देश का पहला राज्य है।
उच्च शिक्षा एवं सहकारिता राज्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि मुख्यमंत्री आँचल अमृत योजना के तहत आंगनबाड़ी में एक लाख 72 हजार बच्चों को सप्ताह में चार दिन दूध दिया जा रहा है। अब 17045 स्कूलों के छह लाख 90 हजार बच्चों को सप्ताह में एक बार दूध दिया जायेगा। राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम द्वारा संचालित राज्य सहकारी विकास योजनान्तर्गत दुग्ध सहकारी समिति सदस्यों को 20 हजार दुधारू पशु क्रय किये जाने के लिए एनसीडीसी से ऋण व अनुदान दिया जायेगा।
इस अवसर पर मेयर सुनील उनियाल गामा, विधायक धन सिंह नेगी, प्रदीप बत्रा, सचिव शिक्षा आर. मीनाक्षी सुन्दरम्, चैयरमेन संपर्क फाउण्डेशन विनीत नायर, फाउण्डर सत्या सांई अन्नपूर्णा ट्रस्ट आनंद कदाली, एम डी यूसीडीएफ जे. एस नगन्याल एवं दुग्ध संघ के पदाधिकारी उपस्थित थे।
सं. उप्रेती
वार्ता
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