Thursday, Mar 28 2024 | Time 18:28 Hrs(IST)
image
राज्य » अन्य राज्य


एमकेपी काॅलेज में गबन के आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं: हाईकोर्ट

नैनीताल 20 मार्च (वार्ता) उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने देहरादून के प्रमुख महादेवी कन्या पाठशाला (एमकेपी) काॅलेज में 45 लाख रुपये के गबन के मामले को गंभीरता से लेते हुए सरकार से पूछा कि अभी तक आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की गयी है। साथ ही 25 मार्च तक रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिये हैं।
मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन एवं न्यायमूर्ति आर. सी. खुल्बे की युगलपीठ ने ये निर्देश काॅलेज की पूर्व छात्रा सोनिया बेनीवाल की ओर से दायर जनहित याचिका की सुनवाई के बाद दी। याचिकाकर्ता की ओर से अदालत को बताया गया कि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) की ओर से काॅलेज में पढ़ने वाली छात्राओं की सुविधा के लिये 45 लाख रुपये की धनराशि आवंटित की गयी थी।
काॅलेज द्वारा इस धनराशि का इस्तेमाल छात्राओं की सुविधा के लिये नहीं किया गया। इस धनराशि का दुरुपयोग किया गया। ऑडिट रिपोर्ट में पता चला कि काॅलेज ने जिन महंगे उपकरणों की खरीद दिखायी है उनमें तमाम अनियमितायें पायी गयी हैं। उपकरणों की खरीदारी के लिये तय प्रावधानों का पालन भी नहीं किया गया। कहीं अधिक भुगतान किया गया है जबकि कहीं कम किया गया है।
इस मामले में आरोपियों के खिलाफ 2016-17 में मामला दर्ज किया गया लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। स्थलीय निरीक्षण में भी काॅलेज में लाखों की सामग्री गायब मिली है। इसका खामियाजा यह रहा कि यूजीसी ने काॅलेज को अनुदान देने से इन्कार कर दिया।
याचिकाकर्ता की ओर से आज अदालत को बताया गया कि सरकार द्वारा गबन के आरोपियों के खिलाफ कार्यवाही नहीं की जा रही है। इसके बाद अदालत ने सरकार से पूछा कि अभी तक क्या कार्यवाही की गयी है। सरकार के पास अदालत के इस प्रश्न का कोई जवाब नहीं था। इसके बाद अदालत ने सरकार को निर्देश दिये कि 25 मार्च तक यह बतायें कि आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की गयी है।
रवीन्द्र, उप्रेती
वार्ता
More News
अरुणाचल में खांडू समेत भाजपा के पांच उम्मीदवारों का निर्विरोध चुना जाना तय

अरुणाचल में खांडू समेत भाजपा के पांच उम्मीदवारों का निर्विरोध चुना जाना तय

28 Mar 2024 | 3:21 PM

ईटानगर, 28 मार्च (वार्ता) भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेता एवं अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू एवं पार्टी के चार अन्य उम्मीदवारों को निर्विरोध निर्वाचित घोषित किया जाना तय है, क्योंकि उनके किसी भी प्रतिद्वंद्वी ने पांच विधानसभाओं में उनके खिलाफ नामांकन दाखिल नहीं किया था।

see more..
image