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कोरोना:उत्तराखंड की जेलों में बंद 855 कैदी होंगे पैरोल पर रिहा

नैनीताल, 27 मार्च (वार्ता) कोरोना संकट के चलते उत्तराखंड की जेलों में निरूद्ध 855 कैदियों को सुरक्षा के लिहाज से पैरोल या अंतरिम जमानत पर रिहा करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गयी है। पैरोल पाने वालों में सात साल या उससे कम अथवा छोटे अपराधों में जेलों में बंद कैदी शामिल होंगे।
उत्तराखंड राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के सदस्य सचिव तथा जिला न्यायाधीश डा0 जी0 के0 शर्मा ने बताया कि उच्चतम न्यायालय के आदेश के बाद प्राधिकरण के अध्यक्ष की ओर से यह निर्णय लिया गया हैं। प्राधिकरण की ओर से बताया गया कि उत्तराखंड की जेलों में ऐसे कुल 891 कैदी निरूद्ध हैं। इनमें 36 कैदी अस्वस्थ चल रहे हैं जिन्हें पैरोल देने पर विचार नहीं किया जा सकता है।
उन्होंने बताया कि 855 कैदियों को जिनमें 267 सजायाफ्ता एवं 627 कैदी विभिन्न अपराधों में विचाराधीन हैं, फिलहाल उन्हें छह माह के लिये पैरोल या अंतरिम जमानत दी जा सकती है। बाकी अस्वस्थ चल रहे 36 कैदियों को कारागार प्रशासन को पूर्ण उपचार उपलब्ध कराने के निर्देश जारी किये गये हैं। साथ ही उन्हें आइसोलेशन में रखे जाने के लिये स्वास्थ्य विभाग की गाइड लाइन का पालन करने को कहा गया है। स्वस्थ होने के उपरांत उन्हें भी पैरोल देने पर विचार किया जा सकता है।
उन्होंने बताया कि पैरोल या अंतरिम जमानत का प्रार्थना पत्र जेल प्रशासन द्वारा विधिक सेवा प्राधिकरण की सहायता से राज्य सरकार या संबंधित न्यायालय को प्रेषित किया जायेगा। केन्द्र सरकार के सामाजिक दूरी (सोशल डिस्टेशिंग) के निर्देशों के चलते जमानत प्रार्थना पत्र आनलाइन भरे जायेंगे। जिला न्यायाधीशों की ओर से कैदियों के जमानत प्रार्थना पत्रों पर आनलाइन ही सुनवाई की जायेगी।
उन्होंने बताया कि जिला न्यायालय ही यह तय करेगा कि लाभान्वित कैदियों को व्यक्तिगत बांड या बिना बंध पत्र के रिहा किया जाना है या नहीं। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड के गृह सचिव की ओर से पैरोल या अंतरिम जमानत संबंधी निर्देश जारी होनेे के बाद पैरोल या अंतरिम जमानत पर छोड़ा जा सकेगा।
स. जितेन्द्र
वार्ता
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