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आशा कार्यकर्ताओं ने मेघालय सरकार को दिया अल्टीमेटम

शिलांग 13 मई (वार्ता) मेघालय की आशा कार्यकर्ताओं ने लंबित बकाया का भुगतान करने के लिए मुख्यमंत्री कोनराॅड संगमा के नेतृत्व वाली सरकार को एक सप्ताह का अल्टीमेटम दिया है। ऐसा नहीं होने पर आशा कार्यकर्ताओं ने वैश्विक महामारी कोरोना वायरस (कोविड-19) संकट के बीच अपनी सेवाएं रोकने की धमकी दी है।
मेघालय की आशा कार्यकर्ताओं के संगठन ने इस संबंध में राज्य के स्वास्थ्य मंत्री एलेक्जेंडर लालू हेक को पत्र लिखकर कहा है कि उन्हें वर्ष 2012 से बकाया राशि का भुगतान नहीं किया गया है। इसके अलावा उन्हें लाभ, प्रोत्साहन राशि और निजी सुरक्षा उपकरण (पीपीई) भी नहीं दिए गए हैं। मेघालय आशा कार्यकर्ता संगठन की अध्यक्ष सोरीलांग मारबोह और महासचिव जून मायरसिंग ने एक वक्तव्य जारी कर कहा, “ केन्द्र सरकार की ओर से तय किया गया दो रुपये का मासिक मानदेय भी हमें नहीं दिया गया है। इसके बजाए हमें 800, 1000, 1200, 1400 और 1600 रुपये दिए जा रहे हैं। राज्य के हर जिले में अलग-अलग स्थिति है। जिसके कारण हमें गंभीर आर्थिक संकट का सामना करना पड़ रहा है और हम मानसिक रूप से भी काफी परेशान हैं।”
यह काफी दुर्भाग्यपूर्ण है कि हमारी कड़ी मेहनत और समर्पण के बावजूद, सरकार हमारी शिकायतों पर कोई ध्यान नहीं देती है। वर्ष 2012 से बकाया राशि, लाभ और प्रोत्साहन राशि का भुगतान नहीं किया गया है। राज्य सरकार इस बात से परिचित है कि आशा कार्यकर्ता गंभीर खतरा उठाते हुए कोविड-19 की चुनौती से निपटने के काम में जुटी हुई हैं। सुश्री मारबोह और मायरसिंग ने कहा, “ हमारे अधिकारों को नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए। यदि सरकार हमारी बकाया राशि का भुगतान और पीपीई किट उपलब्ध नहीं करा सकती तो हमारे पास सेवाओं का बहिष्कार करने के अलावा कोई और विकल्प नहीं होगा।”
गौरतलब है कि कोविड-19 की चुनौती से निपटने में आशा कार्यकर्ता देश भर में काफी अहम भूमिका निभा रही हैं। रवि.संजय वार्ता
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