Saturday, Apr 20 2024 | Time 16:55 Hrs(IST)
image
राज्य » अन्य राज्य


कुमाऊं में शराब की दुकानों की अनिश्चितकालीन बंदी का फैसला टला

नैनीताल 14 मई (वार्ता) उत्तराखंड के कुमाऊं मंडल में शराब की दुकानें अब अनिश्चितकाल के लिये बंद नहीं होंगी। शराब कारोबारियों ने राज्य सरकार की ओर से सकारात्मक आश्वासन मिलने के बाद अनिश्चितकालीन बंदी के फैसले को फिलहाल टाल दिया है। कुमाऊं क्षेत्र में अब केवल शुक्रवार (15 मई को) को शराब की दुकानें बंद रहेगी।
कुमाऊं के शराब कारोबारियोें की हल्द्वानी में गुरुवार को एक बैठक हुई। बैठक में यह निर्णय लिया गया कि शुक्रवार को शराब कारोबारी मुख्यमंत्री त्रिवेंन्द्र रावत से मुलाकात के लिये देहरादून कूच करेंगे। उच्च पदस्थ सूत्रों ने बताया कि श्री रावत ने शराब कारोबारियों को आश्वासन दिया है कि उनकी सकारात्मक मांगों पर विचार किया जायेगा। मुख्यमंत्री ने भी शराब कारोबारियों को बातचीत के लिये देहरादून बुलाया है।
सूत्रों से पता चला है कि शराब कारोबारियों एवं सरकार के बीच हल्द्वानी की विधायक एवं नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश ने सेतु का काम किया है। शराब कारोबारी हल्द्वानी में नेता प्रतिपक्ष से मिले और नेता प्रतिपक्ष को अपनी समस्या बतायी। नेता प्रतिपक्ष ने मुख्यमंत्री से फोन पर शराब कारोबारियों की समस्या को रखा। मुख्यमंत्री ने शराब कारोबारियों को आश्वासन दिया कि उनकी मांगों पर विचार किया जायेगा। इसके बाद शराब कारोबारियों ने अनिश्चितकालीन बंदी के निर्णय को फिलहाल स्थगित कर दिया है।
सूत्रों से यह भी पता चला है कि मुख्यमंत्री रावत ने राजस्व वसूली में थोड़ी नरमी बरतने के संकेत दिये हैं। मुख्यमंत्री ने इसके बाद कुमाऊं के संयुक्त अायुक्त के. के. कांडपाल से बातचीत की और वर्तमान परिस्थितियों में राजस्व को लेकर थोड़ी शिथिलता बरतने के निर्देश दिये।
शराब कारोबारी बाबूराम जायसवाल ने बताया कि कुमाऊं के शराब कारोबारी मुख्यमंत्री से मिलने के लिये कल देहरादून रवाना होंगे। उन्होंने यह भी बताया कि फिलहाल अनिश्चितकालीन बंदी को स्थगित कर दिया गया है। कुमाऊं मंडल के आबकारी विभाग के संयुक्त आयुक्त ने बताया कि फिलहाल 15 मई को एक दिन शराब की दुकानें बंद रहेंगी।
उल्लेखनीय है कि कुमाऊं मंडल में 249 देशी-विदेशी शराब एवं बीयर की दुकानें हैं। इनसे सरकार को लगभग 700 से 800 करोड़ का राजस्व हर साल आता है। लाॅकडाउन के चलते लगभग पिछले दो माह में शराब कारोबारियों को काफी नुकसान हुआ है। शराब कारोबारी बाबूराम जायसवाल ने बताया कि सरकार ने अप्रैल महीने का अधिभार ले लिया है लेकिन लाॅकडाउन के चलते दुकानें नहीं खुल पायी हैं। इसके अलावा मार्च महीने में भी शराब कारोबारियों को भारी नुकसान उठाना पड़ा है।
राष्ट्रव्यापी लाॅकडाउन के दौरान प्रदेश में पर्यटन एवं अन्य सभी गतिविधियां ठप हो गयी हैं। ऐसे में उन्हें भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है। शराब की बिक्री नहीं हो रही है। शराब कारोबारियों की मांग है कि सरकार हर माह जमा करने वाले अधिभार में छूट प्रदान करे और जितना शराब की बिक्री होती है उतना राजस्व वसूले।
रवीन्द्र, उप्रेती
वार्ता
image