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उत्तराखंड के प्रवासियों का प्रदेश की सीमा पर होगा ‘एंटी बाॅडी रेपिड टेस्ट’

नैनीताल 20 मई (वार्ता) उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने प्रदेश में कोरोना वायरस महामारी के फैलाव को रोकने के लिये अपने बेहद महत्वपूर्ण निर्णय में बुधवार को बाहर से आने वाले सभी प्रवासियों की ‘एंटी बाॅडी रेपिड टेस्ट’ कराने के निर्देश दिये हैं। ये परीक्षण प्रदेश की सीमा पर कराये जायेंगे। न्यायालय ने प्रदेश सरकार को निर्देश दिये कि आगामी दो जून तक इसकी प्रगति रिपोर्ट उच्च न्यायालय में पेश करें।
न्यायाधीश सुधांशु धूलिया और न्यायमूर्ति रवीन्द्र मैठाणी की युगलपीठ ने हरिद्वार निवासी सचिदानंद डबराल की ओर से दायर जनहित याचिका पर लंबी बहस एवं सुनवाई के बाद ये निर्देश दिये हैं। इस दौरान प्रदेश के स्वास्थ्य सचिव नीतिश झा के अलावा स्वास्थ्य महानिदेशक अमिता उप्रेती भी वीडियो कान्फ्रेसिंग के जरिये अदालत से जुड़ी रहीं।
अदालत की ओर से कहा गया कि प्रदेश में दो लाख से अधिक लोगों के आने का लक्ष्य है। लगभग छह से सात हजार लोग प्रतिदिन विभिन्न हिस्सों से प्रदेश में प्रवेश कर रहे हैं। ऐसे में कोरोना संक्रमण को रोकने के लिये थर्मल स्क्रीनिंग जैसे कदम पर्याप्त नहीं हैं। अदालत ने चिंता व्यक्त की कि नैनीताल, अल्मोड़ा, टिहरी एवं उत्तरकाशी जैसे सुदूरवती पर्वतीय जनपदों में कोरोना संक्रमण के मामले आ रहे हैं। यह प्रदेश के लिये चिंताजनक है। अदालत ने यह भी कहा कि अदालत प्रवासियों के आने के खिलाफ नहीं है। उन्हें अपने प्रदेश में आने का अधिकार है लेकिन हमारी चिंता कोरोना संक्रमण को रोकने के संदर्भ में उचित कदम उठाने को लेकर है।
प्रदेश सरकार की ओर से कहा गया कि कोरोना प्रभावित राज्यों खासकर रेड जोन से आने वाले प्रवासियों को एहतियात के तौर पर एक सप्ताह के लिये क्वारंटीन सेंटरों में रखा जा रहा है और जिन मरीजों में कोरोना के लक्षण दिखायी दे रहे हैं उनका भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के दिशा-निर्देश पर आरटी-पीसीआर टेस्ट कराया जा रहा है। सरकार ने माना कि ‘एंटी बाडी रेपिड टेस्ट’ नहीं कराया जा रहा है।
आसीएमआर की ओर से अदालत को बताया गया कि एंटी बाडी रेपिड टेस्ट कराने के लिये आईसीएमआर को कोई आपत्ति नहीं है। राज्य को इस पर निर्णय लेना है। आईसीएमआर की ओर से अदालत को यह भी बताया गया कि एकीकृत रोग निगरानी कार्यक्रम के तहत एलीसा नामक किट को परीक्षण के लिये अनुमोदित किया गया है। राज्य सरकार के पास यह किट उपलब्ध है। पौड़ी गढ़वाल जिले में इस किट से प्रयोगात्मक परीक्षण किया जा चुका है।
इस किट के माध्यम से परीक्षण करने पर आधे घंटे में जांच का परिणाम आ जाता है। केन्द्र सरकार की ओर से अदालत को आगे बताया गया कि राज्य सरकार की मांग पर इसे मुहैया करा दिया जायेगा।
प्रदेश के स्वास्थ्य सचिव ने कहा कि प्रयोग के तौर पर प्रदेश की सीमाओं पर इस परीक्षण को किया जा सकता है। परीक्षण के परिणामों के आधार पर इसकी आगे की जांच को लेकर निर्णय लिया जा सकता है। अदालत ने स्वास्थ्य सचिव के इस सुझाव की सराहना की। इसके बाद अदालत ने सरकार को बाहर से आने वाले प्रवासियों की प्रदेश की सीमा पर एंटी बाडी रेपिड टेस्ट कराने के निर्देश दिये। साथ ही राज्य सरकार को दो जून तक प्रगति रिपोर्ट अदालत में पेश करने को कहा है। इस मामले की अगली सुनवाई दो जून को होगी।
उल्लेखनीय है कि याचिकाकर्ता की ओर से दायर जनहित याचिका में प्रदेश की सीमा पर कोरोना संबंधी जांच कराने की मांग की गई थी। अदालत ने प्रदेश सरकार से आईसीएमआर से परामर्श कर जवाब पेश करने को कहा था।
रवीन्द्र, उप्रेती
वार्ता
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