राज्य » अन्य राज्यPosted at: May 21 2020 5:23PM उत्तराखंड के बनबसा में लगा नेपालियों का रेलानैनीताल 21 मई (वार्ता) भारत-नेपाल सीमा पर स्थित टनकपुर बनबसा में गुरुवार को वैश्विक महामारी कोरोना वायरस ‘कोविड-19’ के मद्देनजर राष्ट्रव्यापी पूर्णबंदी के बावजूद सैकड़ों की संख्या में नेपाली एकत्र हुए। नेपाल सरकार की अनदेखी के कारण इन नेपालियों का धैर्य अब जवाब देने लगा है और नेपाल सरकार के खिलाफ जबर्दस्त प्रदर्शन किया। प्रशासन को इन नेपालियों को काबू करने में कड़ी मशक्कत करनी पड़ी।भारत-नेपाल सीमा से पांच से छह किमी की दूरी पर उत्तराखंड का अंतिम बनबसा शहर है। पिछले दो-तीन दिनों में पांच सौ से अधिक नेपाली मूल के लोग अपने वतन जाने के लिये यहां एकत्र हो गये हैं। प्रवासी नेपालियों की संख्या प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। कोरोना महामारी के चलते भारत और नेपाल में पूर्णबंदी चल रही है। इसके कारण दोनों देशों की सीमायें भी बंद हैं। यहां आवाजाही ठप है। भारत में चौथे चरण के पूर्णबंदी के बाद बनबसा शहर में अचानक नेपालियों की संख्या में इजाफा हो गया। यहां देश के विभिन्न हिस्सों में काम करने वाले नेपाली श्रमिक अपने वतन जाने के लिये एकत्र हो गये लेकिन सीमा सील होने के कारण ये सभी अपने वतन नहीं जा पा रहे हैं। बनबसा के उपजिलाधिकारी दयानंद पंत ने बताया कि बनबसा में नेपाली मूल के लोगों के चलते सभी राहत शिविर भर गये हैं। पिछले दस दिनों से तीन सौ नेपाली मूल के लोगों को स्थानीय डिग्री कालेज, शारदा इंटर कालेज एवं सरस्वती शिशु मंदिर में ठहराया गया है। प्रशासन को इनके भोजन एवं अन्य व्यवस्था जुटानी पड़ रही है। उन्होंने बताया कि पिछले दो दिनों में लगभग पांच सौ से अधिक संख्या में नेपाली मूल के श्रमिक यहां और एकत्र हो गये हैं। यह संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। अनुमान से अधिक संख्या में यात्रियों के आने से यहां व्यवस्था चरमरा गयी है। इनकी व्यवस्था करने के लिए प्रशासन को कड़ी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है। प्रशासन को अब निजी स्कूल भवनों का सहारा लेना पड़ रहा है। बड़ी संख्या में बाहर से आने वाले प्रवासी भी प्रशासन के लिये मुसीबत बन गये हैं। प्रशासन दोहरी मार पड़ रही है। पुलिस उपाधीक्षक विपिन चंद्र पंत ने बताया कि बनबसा के जगबूड़ा पुल के पास प्रशासन एवं स्वास्थ्य विभाग की ओर से सभी आने जाने वालों की थर्मल स्क्रीनिंग एवं मेडिकल परीक्षण किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि यहां एकत्र नेपाली मूल के यात्रियों का धैर्य जवाब दे गया और उन्होंने नेपाल सरकार के खिलाफ नारेबाजी एवं प्रदर्शन शुरू कर दिया। नेपाल सरकार के खिलाफ हो रहे इस प्रदर्शन से पुलिस-प्रशासन के हाथ पांव फूल गये। श्री पंत ने बताया कि कड़ी मशक्कत के बाद सभी नेपालियों को समझा-बुझाकर शांत किया गया। स्थानीय प्रशासन सभी की ठहरने एवं खाने की व्यवस्था में जुट गया है। रवीन्द्र, उप्रेतीवार्ता