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उत्तराखंड में प्रवासियों ने बढ़ायी सरकार की मुसीबत

नैनीताल 24 मई (वार्ता) उत्तराखंड में वैश्विक महामारी कोरोना वायरस 'कोविड 19' के संक्रमण के मामलों में हो रही अप्रत्याशित वृद्धि को देखते हुए सरकार को अपनी रणनीति बदलनी पड़ी है और सभी 13 जनपदों की श्रेणी को बदलकर ओरेंज जोन घोषित कर दिया है।
राज्य सरकार ने रविवार शाम को एक अधिसूचना जारी कर इस आशय की जानकारी देते हुए कहा कि केंद्र सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुसार प्रदेश के जनपदों का दुबारा से जोन निर्धारण किया जा रहा है।
सरकार ने अप्रत्याशित कदम उठाते हुए सभी जनपदों को अब आरेंज जोन घोषित कर दिया है। इससे पहले 18 मई को सरकार की ओर से आधे दर्जन से अधिक पहाड़ी जनपदों को ग्रीन जोन घोषित किया गया था और वहां की जनता को तमाम तरह की राहत घोषित की थी।
सरकार को कोरोना महामारी के लगातार बढ़ते ग्राफ को देखते हुए यह कदम उठाने को मजबूर होना पड़ा है। प्रवासियों के आने के चलते प्रदेश में कोरोना के ग्राफ में अभूतपूर्व वृद्धि हुई है।
स्वास्थ्य विभाग की आंकड़ों के अनुसार प्रदेश में अभी तक 217 से अधिक प्रवासियों में कोरोना की पुष्टि हो चुकी है और यह ग्राफ हर दिन बढ़ता जा रहा है। पिछले तीन दिनों में कोरोना के मामलों में रिकार्ड वृद्धि हुई है। कल शनिवार को सबसे अधिक 92 मामले सामने आये हैं।
खतरे की बात यह है कि कोरोना का संक्रमण अब पहाड़ों में भी चढ़ गया है। प्रवासियों के चलते सभी पहाड़ी जनपद इसकी चपेट में आ गये हैं। सरकार के लिये यह सबसे बड़ी चुनौती उभरकर सामने आ रही है।
प्रदेश में आज शाम तक कुल 317 मामले सामने आ चुके हैं। कोरोना संक्रमण के सबसे अधिक 117 मामले नैनीताल में हैं। उसके बाद देहरादून 73 व ऊधमसिंह नगर 43 के साथ तीसरे स्थान पर है जबकि हरिद्वार में 14 मामले हैं।
पहाड़ी जनपदों में कोरोना की स्थिति इस प्रकार है-अल्मोड़ा जनपद में 12, बागेश्व में 8, चमोली में 9, पौड़ी गढ़वाल में 7, पिथौरागढ़ में 2, रूद्रप्रयाग में 3, टिहरी में 9 व उत्तरकाशी में 10 मामले सामने आये हैं। सरकार को इन्हीं आंकड़ों के चलते पहाड़ी जनपदों का नया वर्गीकरण करने को मजबूर होना पड़ा है।
स.जतिन
वार्ता
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