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कोविड-19 से बचाव कार्यों में धन की कोई कमी नहीं : अमित

देहरादून 27 मई (वार्ता) वैश्विक महामारी कोरोना वायरस ‘कोविड-19’ से बचाव कार्यों के लिये उत्तराखंड में धन की कोई कमी नहीं है। राज्य आपदा त्वरित कार्य बल (एसडीआरएफ), मुख्यमंत्री राहत कोष के साथ ही जिला योजना से भी जिलों को पर्याप्त धनराशि उपलब्ध कराई गई है।
राज्य चिकित्सा और स्वास्थ्य सचिव अमित नेगी ने शासन के वरिष्ठ अधिकारियों और जिलाधिकारियों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग द्वारा प्रदेश में कोविड-19 की स्थिति की समीक्षा करते हुये कही। उन्होंने निर्देश दिये कि क्वारंटीन सुविधा में सारी आवश्यक सुविधाएं और व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाएं। यहां रोके जाने वाले लोगों को जरूरी चीजों की कमी न हो। उन्होंने कहा कि स्वच्छता का पूरा ध्यान रखा जाए। जिलों में क्वारंटीन केन्द्रों की निगरानी के लिए उपजिलाधिकारी स्तर के अधिकारी को नोडल बनाया जाए। क्वारंटीन केन्द्र में क्या-क्या सुविधाएं होनी चाहिए, उसे सूचीबद्ध किया जाए।
स्वास्थ्य सचिव ने कहा कि कोविड केयर सेंटर (सीसीसी) बहुत महत्वपूर्ण हैं। कोशिश की जाए कि यहां अधिक स्थान उपलब्ध हो। रेड जोन से आने वालों को संस्थागत क्वारंटीन किया जाना है। पर्वतीय जिलों में यथासंभव परीक्षण को बढ़ाया जाए। इसके लिए बूथ फेसिलिटी भी विकसित की जा सकती है। प्राईवेट अस्पतालों का सहयोग लिया जाए।
श्री नेगी ने कहा कि जितने कार्मिकों की आवश्यकता है, उन्हें आउटसोर्सिग से ले लिया जाए। इसमें विशेषज्ञ कार्मिकों की नियुक्ति को प्राथमिकता दी जाए। उन्होंने कहा कि शासन स्तर पर सीसीसी, एमआईएस, लाजिस्टिक आदि के लिए नोडल अधिकारी तैनात किए गए हैं। जिलों में भी नोडल अधिकारी नियुक्त करते हुए उन्हें सक्रिय किया जाए।
सचिव श्री नेगी ने कहा कि चिकित्सा कर्मियों को सुरक्षित रखना सर्वोच्च प्राथमिकता पर हो। उनके लिए व्यवस्थाएं फुल प्रूफ हों। सभी व्यवस्थाओं का निरंतर आंकलन करते हुए देखें कि कहां-कहां अंतर हैं। एमआईएस पोर्टल पर सारी जानकारियां देना सुनिश्चित किया जाए। वीडियो कांफ्रेंसिग में सभी जिलाधिकारियों ने अपनी जानकारी दी।
बैठक में सचिव दिलीप जावलकर, सौजन्या, शैलेश बगोली, डाॅ पंकज कुमार पाण्डे, आईजी संजय गुंज्याल सहित अन्य अधिकारी और जिलाधिकारी उपस्थित थे।
सं. उप्रेती
वार्ता
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