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अनलॉकडाउन के पहले चरण में निर्माण कार्यों में आई तेजी

हरिद्वार 07 जून (वार्ता) वैश्विक महामारी कोरोना वायरस (कोविड-19) के मद्देनजर देश में चल रहे लॉकडाउन के कारण जहां व्यवसायिक प्रतिष्ठान बंद थे वहीं विकास की गतिविधियां भी थमने के कारण दैनिक मजदूरों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा था अब लॉकडाउन को धीरे धीरे समाप्त करने के कारण दैनिक कामगारों को काफी राहत मिली है और हरिद्वार में आयोजित होने वाले 2021 यह महाकुंभ के लिए भी तैयारियां जोर-शोर से शुरू हो गई हैं।
हरिद्वार-दिल्ली राष्ट्रीय राजमार्ग जो कि उत्तराखंड के लिए बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है उस पर भी निर्माण कार्य शुरू होने से अब 2021 में होने वाले कुंभ आने वाले यात्रियों को काफी सुविधा मिल सकेगी इसके अलावा लॉकडाउन के कारण रुके कुंभ के कार्य भी शुरू होने से कुंभ की तैयारियों में तेजी आने लगी है।
मेला अधिकारी दीपक रावत ने भी यहां बन रहे रामघाट का निरीक्षण कर कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए साथ ही उन्होंने निर्माण निर्माण कार्यों में गुणवत्ता बनाए रखने का भी निर्देश निर्माण एजेंसी को दिया है ।
अपर मेला अधिकारी हरवीर सिंह का कहना है लॉकडॉउन के कारण 2021 में होने वाले महाकुंभ के कार्यों को पिछले दो माह की अवधि में कार्यों को रोक दिया गया क्या था अब अनालॉकडाउन के पहले चरण में पुनः निर्माण कार्य शुरू होने के कारण इस काम में लगे मजदूरों एवं दैनिक वेतन भोगियों को काम पर वापस बुला लिया गया है और सभी निर्माण कार्य सुचारू रूप से जारी है ।
श्री सिंह ने कहा हरिद्वार-दिल्ली राष्ट्रीय राजमार्ग के निर्माण में निर्माण एजेंसियों की लापरवाही के कारण शुरुआत में कुछ देर हुई थी परंतु अब राजमार्ग के काम में काफी तेजी आई है और कुंभ से पहले इसका निर्माण भी पूरा कर लिया जाएगा।
उन्होंने कहा कुंभ के सभी कार्य समय पर पूरा कराने का प्रयास किया जाएगा लेकिन हर हाल में स्नान पर्व शुरू होने से पहले कुंभ के सभी निर्माण कार्य भी पूरे कर लिए जाएंगे और आने वाले यात्रियों को ध्यान में रखते हुए यहां उनकी सुविधा अर्थ हर प्रकार की बुनियादी सुविधाओं का विकास एवं निर्माण सुनिश्चित कर लिया जाएगा।
वहीं काम में लगे मजदूरों का कहना है लोकडाउन के कारण वह काम नहीं कर पा रहे थे अब निर्माण कार्य शुरू होने से उन्हें काफी राहत मिली है और उन्हें जरूरत के मुताबिक भुगतान भी दिया गया भी किया जा रहा है ताकि वह अपनी आजीविका चला सकें।
सं. उप्रेती
वार्ता
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