राज्य » अन्य राज्यPosted at: Jun 18 2020 5:14PM एमकेपी महाविद्यालय में वित्तीय अनियमितता की उच्चस्तरीय जांच के निर्देशनैनीताल, 18 जून (वार्ता) उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने गुरुवार को एक महत्वपूर्ण निर्णय में देहरादून के महादेवी कन्या पाठशाला (एमकेपी) महाविद्यालय में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) की ओर जारी अनुदान में कथित गड़बड़ी के मामले की उच्चस्तरीय जांच कर दोषियों के खिलाफ कार्यवाही करने के निर्देश दिये हैं। इसी के साथ ही अदालत ने याचिका को पूर्ण रूप से निस्तारित कर दिया है। मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन एवं न्यायमूर्ति आर. सी. खुल्बे की युगलपीठ ने देहरादून निवासी सोनिया बेनीवाल की ओर से दायर जनहित याचिका की सुनवाई के बाद ये निर्देश जारी किये हैं। याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि यूजीसी की ओर से 2012-13 में महाविद्यालय में शिक्षा के बुनियादी सुधार के लिये 45 लाख रुपये की धनराशि आवंटित की गयी।काॅलेज की ओर से इस धनराशि का दुरुपयोग किया गया। इस धनराशि से महंगे उपकरण खरीदे गये। खरीददारी में तय प्रावधानों का पालन नहीं किया गया। कहीं अधिक तो कहीं कम भुगतान किया गया है। केन्द्र सरकार के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी) की ओर से भी इस पूरी खरीदारी पर प्रश्न चिह्न लगाये गये हैं।याचिकाकर्ता की ओर से यह भी कहा गया कि इस प्रकरण के सामने आने के बाद 2016-17 में मामला दर्ज किया गया लेकिन दोषियों के खिलाफ फिर भी कार्रवाई नहीं हुई। याचिकाकर्ता की ओर से आगे कहा गया कि इस पूरे प्रकरण का खामियाजा महाविद्यालय को भुगतना पड़ा और यूजीसी की ओर से अनुदान पर रोक लगा दी गयी। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता अभिजय नेगी ने बताया कि अदालत की ओर से इस प्रकरण में सभी पक्षकारों से जवाब मांगे गये और आज अंतिम सुनवाई के बाद अदालत ने सरकार को निर्देश जारी किये हैं कि इस मामले की उच्चस्तरीय जांच कर दोषियों के खिलाफ कार्यवाही अमल में लायी जाये। अदालत ने सरकार को इस पूरी प्रक्रिया को चार महीने के अंदर पूरी करने के निर्देश दिये हैं। रवीन्द्र, उप्रेतीवार्ता