राज्य » अन्य राज्यPosted at: Jun 18 2020 7:01PM उत्तराखंड में नापभूमि पर खनन केे मामले में हाईकोर्ट ने सरकार से मांगा जवाबनैनीताल, 18 जून (वार्ता) उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने नदियों के किनारे नाप (निजी) भूमि पर खनन की अनुमति देने के सरकार के फैसले के खिलाफ दायर की एक जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए सरकार से याचिका में उठाये गये बिन्दुओं पर दो सप्ताह में जवाब दाखिल देने के निर्देश दिये हैं। मामले की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन एवं न्यायमूर्ति रमेश चंद्र खुल्बे की युगलपीठ में हुई। मामले को ऊधमसिंह नगर निवासी रमेशलाल की ओर से जनहित याचिका के माध्यम से चुनौती दी गयी है। याचिकाकर्ता की ओर से अदालत को बताया गया कि राज्य सरकार ने पांच मई को एक अधिसूचना जारी कर प्रदेश की नदियों के किनारे मौजूद नाप भूमि (निजी भूमि) पर खनन की अनुमति देने का फैसला किया है। उन्होंने कहा कि सरकार का यह निर्णय गलत है। इससे अवैध खनन को बढ़ावा मिलेगा। अनियंत्रित खनन से नदियोें के किनारों को नुकसान होने का खतरा बढ़ जायेगा। सरकार प्रदेश में अवैध खनन को नहीं रोक पा रही है। इस निर्णय से अवैध खनन को और बढ़ावा मिलेगा। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता एसआरएस गिल ने बताया कि अदालत ने इस मामले को गंभीरता से लिया और मामले को सुनने के बाद सरकार से दो सप्ताह में जवाब पेश करने को कहा है। साथ ही पूछा है कि सरकार अवैध खनन की संभावना को देखते हुए क्या क्या उचित कदम उठा रही है। इस मामले में दो सप्ताह बाद सुनवाई होगी। रवीन्द्र, उप्रेतीवार्ता