राज्य » अन्य राज्यPosted at: Jun 25 2020 8:48PM मणिपुर में राजनीतिक संकट ने फिर ली करवटइंफाल 25 जून (वार्ता) मणिपुर में उत्पन्न राजनीतिक संकट तेजी से करवट बदल रहा है। राज्य में सत्तारूढ़ बिरेन सिंह सरकार से हाल ही में समर्थन वापस लेने की घोषणा करने वाले नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) के चार विधायकों ने गुरुवार को राज्यपाल डा. नजमा हेपतुल्ला से मिलकर भारतीय जनता पार्टी नीत सरकार को समर्थन देने संबंधी पत्र सौंपा। मौजूदा संकट को हल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड संगमा तथा असम के वित्त मंत्री एवं पूर्वाेत्तर जनतांत्रिक गठबंधन के अध्यक्ष हिमंता बिस्वा शर्मा के साथ एनपीपी के चारों विधायक युमनाम जॉयकुमार सिंह, एल जयंतुकमार सिंह, एल हाओकिप और एन कायिसिली नयी दिल्ली में भाजपा नेताओं से मुलाकात के बाद आज ही लौटे थे। एनपीपी के इन विधायकों ने भाजपा के तीन विधायकों समेत कुल नौ विधायकों ने बिरेन सरकार से समर्थन वापस लेने की घोषणा कर गंभीर राजनीतिक संकट उत्पन्न कर दिया था। इन विधायकों में एक एआईटीसी का विधायक एवं एक निर्दलीय विधायक भी शामिल थे। इन सभी नौ विधायकों ने बाद में कांग्रेस से हाथ मिलाकर धर्मनिरपेक्ष प्रगतिशील मोर्चा (एसडीएफ) का गठन कर लिया। एसडीएफ ने तो सरकार के गठन का दावा तक पेश कर दिया लेकिन राज्यपाल ने विधानसभा में शक्ति परीक्षण कराने की उनकी मांग पर कोई ध्यान नहीं दिया। राज्य में राजनीतिक संकट का फायदा उठाने के लिए कांग्रेस के दो प्रमुख नेता अजय माकन एवं गौरव गुरूंग यहां आये लेकिन कोरोना को लेकर उन्हें होटल में ही क्वारंटीन कर दिया गया। संजय टंडनजारी वार्ता