राज्य » अन्य राज्यPosted at: Jun 30 2020 7:48PM आरक्षित वन भूमि पर अतिक्रमण मामले में उत्तराखंड सरकार से जवाबतलबनैनीताल, 30 जून (वार्ता) उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने राजाजी नेशनल टाइगर रिजर्व (आरटीआर) के अंतर्गत आरक्षित वन भूमि पर हुए अतिक्रमण के मामले को सख्ती से लेते हुए राज्य सरकार से गुरूवार तक जवाब पेश करने को कहा है। इस मामले में आगामी शुक्रवार को सुनवाई होगी। मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन और न्यायमूर्ति रमेश चंद्र खुल्बे की पीठ ने मंगलवार को अधिवक्ता विवेक शुक्ला की ओर से दायर जनहित याचिका पर सुनवाई के बाद यह आदेश दिये। याचिकाकर्ता की ओर से दायर याचिका में कहा गया है कि कुनाऊं गांव स्थित आरक्षित वन भूमि पर परमार्थ निकेतन की ओर से कुल 135 बीघा भूमि पर अतिक्रमण किया गया है। यह भूमि राजाजी टाइगर रिजर्व के अंतर्गत आती है और आरक्षित वन भूमि है। इससे पहले सरकार की ओर से इस भूमि को लीज पर आवंटित किया गया था लेकिन 1988 में भूमि की लीज खत्म हो गयी थी। इसके बाद अदालत ने सरकार को अतिक्रमण हटाने के निर्देश जारी किये थे। आज अदालत सरकार की ओर से सरकार को गुरूवार तक पूरे मामले में प्रतिशपथ पत्र पेश करने के निर्देश दिये हैं।रवीन्द्र टंडनवार्ता