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हाईकोर्ट की सख्ती के बाद अवैध खनन करने वालों पर लगा 67 लाख का जुर्माना

नैनीताल 01 जुलाई (वार्ता) हरिद्वार में गंगा की सहायक बाण गंगा नदी में हो रहे अवैध खनन पर उच्च न्यायालय की सख्ती के बाद सरकार हरकत में आयी और अवैध खनन करने वालों पर 67 लाख का जुर्माना लगाया। यह बुधवार को सरकार की ओर से उच्च न्यायालय को बतायी गयी। इसके बाद अदालत ने अवैध खनन को लेकर दायर जनहित याचिका को पूरी तरह से निस्तारित कर दिया है।
हरिद्वार निवासी मोहम्मद साजिद की ओर से दायर जनहित याचिका पर मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन एवं न्यायमूर्ति रमेश चंद्र खुल्बे की अदालत में बुधवार को सुनवाई हुई। हरिद्वार के जिलाधिकारी की ओर से अदालत को रिपोर्ट दी गयी रिपोर्ट में कहा गया कि निहंदपुर सुथारी गांव में बाण गंगा नदी के किनारे अवैध खनन किया जा रहा अवैध खनन के लिये भारी मशीनों का भी प्रयोग किया गया है। अवैध खनन को रोक दिया गया है और दोषियों पर 67 लाख रुपये से अधिक का जुर्माना लगाया गया है।
याचिकाकर्ता के अधिवक्ता अजयबीर पुंडीर ने बताया कि अदालत ने याचिकाकर्ता को छूट दी है कि अवैध खनन जारी रहने व दोषियों के खिलाफ कार्यवाही नहीं होने पर याचिकाकर्ता मामले को दुबारा चुनौती दे सकता है। इससे पहले याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया था कि हरिद्वार के लक्सर तहसील के निहंदपुर सुथारी गांव में बाण गंगा नदी के किनारे अवैध खनन हो रहा है। ग्राम प्रधान के पति सतेन्द्र कुमार की ओर से अवैध खनन किया जा रहा है। खनन के लिये केन्द्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय की ओर से अनापत्ति प्रमाण पत्र नहीं लिया गया है।
रवीन्द्र, उप्रेती
वार्ता
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