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बाबा रामदेव की कोरोनिल के मामले में सभी पक्षकारों से मांगा जवाब

नैनीताल, 01 जुलाई (वार्ता) उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने पंतजलि आयुर्वेदिक लिमिटेड की ओर से बनायी गयी कोरोना किट ‘कोरोनिल’ को लेकर दायर जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए बुधवार को केन्द्र एवं राज्य सरकार समेत सभी पक्षकारों को 12 जुलाई तक प्रतिशपथ पत्र पेश करने के निर्देश दिये हैं।
मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन एवं न्यायमूर्ति रमेश चंद्र खुल्बे की युगलपीठ में अधिवक्ता मनी कुमार की ओर से दायर जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया है कि हरिद्वार स्थित पंतजलि योगपीठ की ओर से विगत 24 जून को दावा किया गया है कि कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिये पंतजलि आयुर्वेदिक लिमिटेड की ओर से कोरोनिल नामक किट तैयार की गयी है।
याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि पंतजलि आयुर्वेद लिमिटेड के की ओर से दवाई तैयार करने के लिये केन्द्र एवं राज्य सरकार के आयुष विभाग से न तो लाइसेंस लिया गया है और न ही अनुमति ली गयी है। याचिकाकर्ता की ओर से यह भी कहा गया कि कोरोनिल भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) की गाइड लाइन पर खरी नहीं उतरती है। दवाई को बाजार में लाने से पहले किसी प्रकार का कोई क्लिनिकल ट्रायल नहीं किया गया है।
याचिकाकर्ता की ओर से इस मामले में पंतजलि आयुर्वेद लिमिटेड के अलावा केन्द्र एवं राज्य सरकार के साथ-साथ केन्द्रीय आयुष मंत्रालय, भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) और नेशनल इंस्टीट्यूट आफ मेडिकल साइसेंज (निम्स) को पक्षकार बनाया गया है। मामले को सुनने के बाद अदालत ने सभी पक्षकारों को 12 जुलाई तक जवाब पेश करने को कहा है।
इस मामले कही अगली सुनवाई 13 जुलाई को सुनिश्चित की गयी है।
रवीन्द्र, उप्रेती
वार्ता
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