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विजीलेंस में ट्रेप और अन्वेषण प्रणाली मजबूत करने की आवश्यकता : त्रिवेंद्र

देहरादून 03 जून (वार्ता) उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने शुक्रवार को सचिवालय में सतर्कता (विजीलेंस), अभिसूचना और सुरक्षा विभागों की समीक्षा में ट्रैप एवं अन्वेषण प्रणाली को मजबूत करने की आवश्यकता बताते हुये कहा कि ट्रैपिंग सिस्टम में लापरवाही करने वाले अधिकारियों की जिम्मेदारी तय की जाय। शासन स्तर से महत्वपूर्ण प्रकरणों में गोपनीय जांच के बजाय खुली जांच एवं प्राथमिकी की कार्रवाई की जाय।
बैठक में सतर्कता निदेशक को अभिसूचना संकलन एवं संदिग्ध मामलों के स्वतः संज्ञान लेते हुए आरोपी के आवासों या अन्य स्थानों पर अपर मुख्य सचिव सतर्कता के अनुमोदन के पश्चात छापे मारने का अधिकार देने पर सहमति बनी।
मुख्यमंत्री ने विभागों द्वारा विभिन्न प्रकरणों में लम्बी अवधि के बाद जांच सतर्कता विभाग को देने पर नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने कहा कि यदि प्रकरण काे सतर्कता विभाग को ट्रांसफर करना है तो यह कार्यवाही एक साल के अन्दर पूर्ण कर जी जाय। प्रत्येक सरकारी विभाग में सतर्कता नोडल अधिकारी एक माह के भीतर अपेक्षित सूचना सतर्कता विभाग को उपलब्ध कराने के लिए उत्तरदायी होंगे।
बैठक में निर्णय लिया गया कि प्रत्येक राज्याधीन कार्यरत कर्मचारियों को हर साल प्राॅपर्टी रिटर्न आॅनलाईन दाखिल किया जाना अनिवार्य किया जाय।
श्री त्रिवेन्द्र ने अभिसूचना एवं सुरक्षा विभाग के कार्यों की समीक्षा करते हुये कहा कि अभिसूचना तंत्र को और अधिक मजबूत किया जाय। अभिसूचना तंत्र की मजबूती के लिए थाना स्तर पर निरंतर समन्वय स्थापित किया जाय। उन्होंने कहा कि राज्य के सीमावर्ती क्षेत्रों पर विशेष ध्यान दिये जाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि सीमांत क्षेत्रों के लोगों से निरंतर समन्वय स्थापित किया जाय। सीमावर्ती क्षेत्रों में रहने वाले लोगों की मूलभूत आवश्यकताओं को विकसित किये जाने को प्राथमिकता दी जाय।
उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार की सीमांत क्षेत्र विकास परियोजना एवं राज्य सरकार की मुख्यमंत्री सीमांत क्षेत्र विकास योजना पर ध्यान दिया जाए। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया की निगरानी के लिए प्रणाली को मजबूत बनाया जाय। कानून एवं व्यवस्था की दृष्टि से दुष्प्रचार करने वाले लोगों को चिह्नित किया जाय एवं उनके विरूद्ध कार्रवाई की जाय।
बैठक में अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, सचिव न्याय प्रेम सिंह खिमाल, सचिव गृह नितेश झा, डीजीपी अनिल कुमार रतूड़ी, डीजी कानून एवं व्यवस्था अशोक कुमार, डीजी विजीलेंस वी. विनय कुमार, आईजी अमित सिन्हा आदि उपस्थित थे।
सं. उप्रेती
वार्ता
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