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डाॅ पांड्या यौन शोषण मामला : सरकार को जांच की प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत करने के आदेश

नैनीताल 23 सितंबर (वार्ता) उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने तीर्थनगरी हरिद्वार स्थित अखिल भारतीय गायत्री परिवार के प्रमुख डाॅ प्रणव पांड्या व उनकी पत्नी शैलबाला पांड्या के खिलाफ तथाकथित दुराचार व उत्पीड़न के मामले में बुधवार को सरकार को निर्देश दिये कि कल गुरुवार तक जांच की प्रगति रिपोर्ट अदालत में प्रस्तुत करें।
अधिवक्ता विवेक शुक्ला की ओर से दायर जनहित याचिका पर कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश रवि कुमार मलिमथ व न्यायमूर्ति रमेश चंद्र खुल्बे की पीठ ने ये निर्देश जारी किये हैं। याचिकाकर्ता की ओर से पीठ को बताया गया कि उच्च न्यायालय ने 23 जून 2020 को आदेश जारी कर सरकार को निर्देश दिये थे कि छह सप्ताह के भीतर पूरे प्रकरण की जांच कर आरोप पत्र पेश करें लेकिन 12 सप्ताह बीतने के बावजूद सरकार आज तक जांच पूरी नहीं कर पायी है।
इस मामले में आज दो बार सुनवाई हुई। अदालत ने सरकार को दोपहर बाद जांच की प्रगति रिपोर्ट पेश करने को कहा था लेकिन सरकार तब भी प्रगति रिपोर्ट पेश नहीं कर पायी। दूसरी ओर आज सरकार की ओर से इस मामले में अदालत से जवाब पेश करने के लिये समय की मांग की गयी लेकिन अदालत ने सरकार की मांग की ठुकरा दिया।
डाॅ पांड्या व उनकी पत्नी शैलबाला पांड्या पर छत्तीसगढ़ की एक महिला की ओर से इसी साल मई में यौन शोषण व उत्पीड़न का आरोप लगाया गया था। उत्पीड़न की शिकार महिला की ओर से इस मामले में दिल्ली में जीरो एफआईआर दर्ज करायी गयी थी। जिसे जांच के लिये हरिद्वार पुलिस को भेज दिया गया।
महिला का आरोप है कि 2010 में जब वह शांतिकुंज में रसोई परिचारिका के रूप में काम करती थी तब डाॅ पांड्या व उनकी पत्नी शैलबाला ने उसका यौन शोषण व उत्पीड़न किया। दिल्ली पुलिस की ओर से मामले को जांच के लिये हरिद्वार पुलिस को भेज दिया गया था।
रवीन्द्र, रवि
वार्ता
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