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होटलों, रिसाॅर्टों के निर्माण के मामले में जवाब तलब

नैनीताल 04 नवंबर (वार्ता) उत्तराखंड के अल्मोड़ा स्थित बिनसर वन्य जीव अभ्यारण्य में अवैध होटलों और रिसाॅर्टों के निर्माण के मामले में उच्च न्यायालय ने राष्ट्रीय वन्य जीव बोर्ड तथा मुख्य वन्य जीव प्रतिपालक को पक्षकार बनाने के साथ ही उन्हें दो सप्ताह में विस्तृत जवाब पेश करने के निर्देश दिये हैं।
देहरादून के गिरी गौरव नैथानी उर्फ मुजीब नैथानी की ओर से दायर जनहित याचिका पर कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश रवि मलिमथ की अगुवाई वाली खंडपीठ में सुनवाई हुई। इस मामले में अदालत की ओर से पिछले साल 13 नवम्बर 2019 को निर्देश जारी कर 13 होटलों व रिसाॅर्ट मालिकों को नोटिस जारी कर जवाब पेश करने को कहा था। इसी के जवाब में प्रतिवादी व नंदा देवी एस्टेट के जोर्डन मिश्रा की ओर से तात्कालिक प्रार्थना पत्र देकर कहा गया कि राष्ट्रीय वन्य जीव बोर्ड, राज्य वन्य जीव बोर्ड व राज्य के मुख्य वन्य जीव प्रतिपालक व प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (पीसीबी) की अनुमति के बाद ही रिसाॅर्ट का निर्माण किया गया है।
इसके बाद अदालत की ओर से राष्ट्रीय वन्य जीव बोर्ड व मुख्य वन्य जीव प्रतिपालक को मामले में पक्षकार बनाये जाने के निर्देश दिये गये और दोनों से दो सप्ताह के अंदर विस्तृत जवाब पेश करने को कहा गया है। अदालत की ओर से कहा गया है वन्य जीव अभ्यारण्य की सीमा के अंदर होटलों व रिसाॅर्टों के निर्माण की अनुमति किन परिस्थितियों में दी गयी है।
दायर याचिका में कहा गया है कि बिनसर वन्य जीव अभ्यारण्य में सरकार की अनुमति के बिना होटलों और रिसाॅर्टों का निर्माण किया जा रहा है। जो कि गलत है। याचिकाकर्ता की ओर से इस पूरे प्रकरण में सरकारी अधिकारियों की लापरवाही का आरोप लगाया गया है। याचिकाकर्ता की ओर से उच्च न्यायालय से इन अवैध निर्माणों पर रोक लगाने की मांग की गयी।
रवीन्द्र.संजय
वार्ता
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