राज्य » अन्य राज्यPosted at: Nov 6 2020 6:42PM आस्तियों के विभाजन मामले में हाईकोर्ट का उप्र को 27.63 करोड़ भुगतान के निर्देशनैनीताल 06 नवम्बर (वार्ता) उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने आस्तियों व परिसंपत्तियों के बंटवारे को लेकर दायर जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए शुक्रवार को अपने महत्वपूर्ण निर्णय में उप्र सरकार को निर्देश दिया कि 27.63 करोड़ रूपये का भुगतान उत्तराखंड परिवहन निगम को तीन सप्ताह के अंदर करे। इसी के साथ ही न्यायालय ने उप्र सरकार की ओर से इससे संबंधित आदेश वापस लेने के लिये दायर प्रार्थना पत्र को भी खारिज कर दिया है। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश रवि मलिमथ की अगुवाई वाली पीठ में उत्तराखंड परिवहन निगम की ओर से दायर जनहित याचिका पर आज सुनवाई हुई। अदालत ने उत्तराखंड परिवहन निगम की ओर से कहा गया कि उत्तराखंड सरकार की ओर से निगम को 78.68 करोड़ रूपये का भुगतान किया जाना है। इस आशय का एक पत्र निगम के प्रबंध निदेशक की ओर से विगत 21 अक्टूबर को सरकार को भेजा गया है लेकिन अभी तक भुगतान नहीं किया गया है। प्रबंध निदेशक की ओर से सरका को लिखे गये पत्र में कहा गया है कि कोरोना महामारी के चलते परिवहन निगम की आय शून्य हो गयी थी और इस दौरान निगम को 54.51 करोड़ रूपये का नुकसान हुआ है। यही नहीं पर्वतीय क्षेत्रों में बसों के संचालन के लिये भी सरकार को कुछ राशि का भुगतान करना है। इसके बाद अदालत की ओर से परिवहन सचिव को निर्देश दिया गया है कि वह बताये कि निगम को 78.68 करोड़ रूपये का भुगतान क्यों नहीं किया गया है। इस मामले में दीपावली के अवकाश के बाद आगामी 17 नवम्बर को सुनवाई होगी। यही नहीं अदालत ने उत्तराखंड परिवहन निगम को भी निगम के कर्मचारियों को एक माह का वेतन के भुगतान के आदेश दिये हैं। निगम की ओर से भी इस पर सहमति दी गयी है और अदालत ने निगम के वक्तव्य को रिकार्ड में ले लिया। अदालत ने उप्र परिवहन निगम को झटका देते हुए निगम की ओर से दायर रिकाॅल प्रार्थना पत्र को खारिज कर दिया। साथ ही उप्र परिवहन निगम को 31 अगस्त के आदेश का अनुपालन करने का निर्देश दिया है। जिसमें अदालत ने निगम को निर्देश दिया था कि चार सप्ताह के अंदर 27.63 करोड़ रूपये का भुगतान उत्तराखंड परिवहन निगम को करे। इससे पहले उप्र निगम की ओर से आदेश को वापस लेने के लिये प्रार्थना पत्र दिय गया था जिसे अदालत ने आज खारिज कर दिया। रविंद्र,जतिन वार्ता